दंतेवाड़ा: वैलेंटाइन डे के खास मौके पर 15 सरेंडर नक्सली जोड़े विवाह के बंधन में बंध गए. इस शादी की खास बात ये रही कि पुलिस परिवार इस शादी में बाराती बने. मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत ये अनूठी शादी हुई. पूरे बस्तर संभाग में पहली बार ऐसी शादी देखने को मिली. पुलिस लाइन कारली में सामूहिक विवाह का यह अनूठा आयोजन किया गया.
सात जन्मों के बंधन में बंधे 15 सरेंडर नक्सली जोड़े दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया और उनके साथ पारंपरिक गीतों पर जमकर डांस किया. आदिवासी रीति-रिवाज के हिसाब से शादी संपन्न कराई गई. रिवाज के अनुसार पानीग्रहण किया गया. बैंड बाजे के साथ बारात लाई गई और सभी ने उनका स्वागत करते हुए आशीर्वाद दिया.
'लाल आतंक' पर इश्क की जीत लोन वर्राटू अभियान के तहत 15 जोड़ों ने किया था सरेंडर
लोन वर्राटू अभियान के तहत इन सभी 15 जोड़ों ने समर्पण किया था. इससे पहले भी नक्सल पंथ छोड़कर मुख्य धारा में शामिल हुए नक्सलियों की बस्तर संभाग के कई जिलों में शादी कराई जा चुकी है. लेकिन सामूहिक विवाह का आयोजन पहली बार हुआ. सामूहिक विवाह में पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और जवान शामिल हुए. सामूहिक विवाह समारोह में आदिवासी संस्कृति और पारंपरिक रीति रिवाजों के साथ सारी रस्में पूरी की गई. एसपी अभिषेक पल्लव वर की तरफ से बारात लेकर वधु के घर तक गए. वहां एडिशनल एसपी और अन्य पुलिस अधिकारियों ने वधू पक्ष में शामिल होकर विवाह की पूरे रीति रिवाज को निभाया.
बस्तर पुलिस के इस अभियान से नक्सलवाद छोड़ रहे आदिवासी
प्रत्येक जोड़े को 35 हजार का गिफ्ट
प्रत्येक दंपति को 35 हजार रुपये तक के उपहार महिला और बाल विकास विभाग की तरफ से दिए गए. जिनमें 25 हजार रुपये के दैनिक उपयोगी सामान जिसमें आलमारी, पलंग, बर्तन, ड्रेसिंग टेबल के अलावा 10 हजार रुपये कैश भी दिए गए.
परिणय सूत्र में बंधे 15 सरेंडर प्रेमी नक्सली जोड़े लाल आतंक का रास्ता छोड़ने की अपील
एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर किए युवक-युवतियों का विवाह कराया जा रहा है. नक्सली संगठन में विवाह की अनुमति नहीं होती. पुलिस प्रशासन ने इन जोड़ों को परिणय सूत्र में बांधने का जिम्मा उठाया है. उनकी इच्छा के अनुसार पारम्परिक रीति-रिवाज से शादी कराई गई. इस बार 15 जोड़ों की शादी कराई गई है. अगले वैलेंटाइन डे में इससे भी ज्यादा प्रेमी जोड़ों की शादी कराई जाएगी.एसपी अभिषेक ने बताया कि हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि लोन वर्राटू अभियान के तहत आत्मसमर्पण करें और छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति का फायदा उठाये.
वेलेंटाइन डे पर 15 सरेंडर नक्सलियों ने लिए सात फेरे नक्सलियों से लोहा ले रहे सरेंडर कर चुके नक्सली, देश सेवा की ली शपथ
नक्सलवाद छोड़ने के बाद बनी जिंदगी
नक्सलियों का साथ छोड़ कर मुख्यधारा में लौटे युवक ने कहा कि उन्हें दूल्हा बनकर आज बहुत अच्छा लग रहा है. नक्सलवाद छोड़ने के बाद अब उनकी जिंदगी बन गई है. नक्सली युवक-युवतियों की नसबंदी करा देते थे. युवक ने अपनी धर्मपत्नी के बारे बताया कि उसे वह संगठन के समय से जानता है. वे एक-दूसरे से बेहद प्यार करते थे. घर बसाना चाहते थे. लेकिन नक्सली उनके प्यार के बीच रोड़ा बने हुए थे. वे संगठन छोड़ कर भाग गए और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.
सरेंडर कर चुके नक्सलियों की शादी