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दंतेवाड़ा बैलाडीला ढोलकल शिखर के 'गणपति' का दर्शन होगा आसान, सीएम ने दिए पर्यटन बढ़ाने के आदेश

दंतेवाड़ा जिले में पर्यटन (Tourism) को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने वर्चुअल लोकार्पण (virtual launch) किया. यहां के पर्यटन स्थलों की मरम्मत (tourist spot repairs), देखरेख, नव निर्माण (new construction) के लिए कई योजनाओं की सौगात दी. इस क्रम में उन्होंने बैलाडीला ढोलकल शिखर पर विराजमान गणपति स्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में तब्दिल किए जाने की घोषणा की है.

Ganpati sitting on Bailadila Dholkal peak will be seen
बैलाडीला ढोलकल शिखर पर विराजमान गणपति के दर्शन होंगे

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Published : Sep 19, 2021, 8:06 PM IST

दंतेवाड़ाः जिले में पर्यटन के दृष्टिकोण से कई पर्यटक स्थल है जिस को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसके अंतर्गत दंतेवाड़ा जिले के ढोलकल पर्वत (dholkal mountain) पर विराजमान गणेश (sitting ganesh) जी की प्रतिमा स्थल (statue site) को पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित किए जाने के लिए योजनाओं की सौगात दी है.

देखा जाय तो हजारों की संख्या में पर्यटक दंतेश्वरी की नगरी दंतेवाड़ा में पहुंचते हैं. जिसके बाद फरसपाल के माध्यम से पहाड़ियों पर चढ़ते हुए गणेश जी की प्रतिमा के दर्शन (vision of the statue) करते हैं. इस पर्यटक स्थल (tourist places) को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा वर्चुअल घोषणा (virtual announcement) करते हुए फरसपाल से ढोलकल शिखर तक सीसी रोड बैठने के लिए बेंच, जगह-जगह पानी की व्यवस्था, रोड के चारों तरफ लाइटिंग कार्यों की सौगात दी है. इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

पर्यटन स्थलों का होगा जीर्णोंद्धार
इसके साथ-साथ दंतेवाड़ा के आसपास के पर्यटन स्थलों का भी जीर्णोंद्धार किया जाएगा. जिससे ज्यादा से ज्यादा पर्यटक हर साल दंतेवाड़ा पहुंच कर इन पर्यटव स्थलों का आनंद उठा सकें. हालांकि दंतेवाड़ा जिले में कई पर्यटक स्थल हैं. जिसमें रख-रखाव के अभाव में बहुत से पर्यटन स्थल खंडहर में तब्दील हो गए हैं. इनमें बैलाडीला की पहाड़ियों पर स्थित राजा बंगला ढोलकल मामा भाचा मंदिर, झिरका में भगवान गणेश का मंदिर सहित कई स्थान हैं जो मरम्मत, देखरेख के अभाव में खंडहर में तब्दील हो गए हैं.

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जंगलों में क्षत-विक्षत पड़ी हैं प्रतिमाएं

जंगलों में बहुत की मूर्तियां विखंडित हुई पड़ी हैं. जिनकी पर्यटन विभाग द्वारा देखरेख की आवश्यकता है. हालांकि दंतेवाड़ा जिले में पुरातत्व विभाग जगदलपुर में संचालित है. जिसके बावजूद बस्तर जिले के गांव से मंदिरों में मूर्तियां विखंडित होते देखी जा सकती हैं. दंतेवाड़ा टेंपल कमिटी द्वारा कई बार पत्र लिखा जा चुका है कि इन मूर्तियों को संगठित कर एक संग्रहालय बनाने की आवश्यकता है.

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