दंतेवाड़ा: देश-दुनिया में नक्सलवाद के लिए चर्चित रहे दंतेवाड़ा जिले की पहचान अब बदल रही है. यहां अब विकास की बयार बहने लगी है. विकास के साक्षी यहां के जनता ही नहीं बल्कि सरेंडर कर चुके नक्सली भी बन रहे हैं. जिन हाथों में कभी हथियार लहराते थे. वे हाथ अब दंतेवाड़ा के विकास की गाथा लिख रहे हैं. लोन वर्राटू अभियान के तहत आत्म समर्पित करने वाले नक्सलियों ने जियाकोडता-ऐटेपाल तक 10 किमी सड़क बनाई है. इससे ग्रामीण काफी खुश हैं.
लोन वर्राटू अभियान के तहत किया था सरेंडर
नक्सलियों ने लोन वर्राटू अभियान (Lone Varratu Abhiyan) से प्रभावित होकर मुख्यधारा में जुड़ कर अच्छा जीवन व्यतीत करने की इच्छा जताई थी. जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव के समक्ष आत्मसमर्पण कराया था. जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के टेटम में कैंप खुलने के बाद से अति संवेदनशील इलाका जियाकोडता ऐटेपाल के ग्रामीणों ने गांव में सड़क बनाने की मांग की थी. जिसके बाद ग्रामीणों की मांग को देखते हुए एसपी अभिषेक पल्लव ने पीएमजीएसवाई विभाग द्वारा सड़क बनाने का अप्रूवल कराया था. जिसके बाद अब यह सड़क बनकर तैयार है.