दंतेवाड़ा :पिछले 2 महीने से आंदोलनरत मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल 8 जून को समाप्त हो गई है. बावजूद इसके नक्सलियों ने इस हड़ताल का समर्थन किया है. नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर सरकार से अपील की है कि इनकी जायज मांगों को जल्द से जल्द पूर्ण (Maoists released press note in Dantewada) करे .साथ ही साथ बर्खास्त किए गए कर्मचारियों को बहाल किया जाए.
क्या छत्तीसगढ़ में आंदोलनकर्मियों के साथ हैं नक्सली ? - Naxalites accuse the central and state government
दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर छत्तीसगढ़ में आंदोलन कर रहे कर्मियों की मांगों को जल्द पूरा करने को कहा है.साथ ही साथ नक्सलियों ने केंद्र और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए (Support of Naxalites to the agitation workers of Chhattisgarh) हैं.
नक्सलियों ने जारी किया प्रेस नोट :नक्सलियों की उत्तर सब जोनल ब्यूरो (दण्डकारण्य) प्रवक्ता मंगली ने प्रेस नोट जारी कर मनरेगा कर्मियों की हड़ताल को जायज ठहराया (Dantewada North Sub Zonal Bureau) है. प्रेस नोट में कहा गया है कि ''मनरेगा कर्मी दो महीने से ज्यादा समय से हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार इस मसले पर अड़ियल रुख अपनाते हुए बर्खास्तगी की कार्रवाई कर रही है. मनरेगा कर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और संविदाकर्मियों के नियमितीकरण का चुनाव के समय किया गया वादा भूपेश सरकार को निभाना चाहिए. मनरेगा कर्मियों के आंदोलन के प्रति अलोकत़ांत्रिक रवैये को त्याग कर सरकार को बर्खास्त किए गए कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बहाल करना चाहिए.''
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केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप :प्रेस नोट में कहा गया है कि '' केन्द्र और राज्य सरकारें अंबानी-अडानी जैसे बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए जन विरोधी और कर्मचारी विरोधी नीतियों को लागू कर रही (Naxalites accuse the central and state government) है. अडानी के लिए हसदेव के जंगलों को काटने की अनुमति दी गई. इस परियोजना के विरोध में चल रहे आंदोलनों को नजरअंदाज किया जा रहा है''