दंतेवाड़ा: एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए पूरा देश खड़ा था, लेकिन गुमियापाल के इन आदिवासियों के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है. ये कहना है समाजसेवी सोनी सोरी का, जिन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लोगों और सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है.
सोनी सोरी ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जताई नाराजगी
दंतेवाड़ा के गुमियापाल गांव से अगवा किए गए आदिवासियों की अब तक कोई खबर नहीं है. सोरी का कहना है कि इन ग्रामीणों के मामले में समाज और सरकार क्यों नहीं खड़ी है? उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि किरंदुल थाना क्षेत्र के गुमियापाल से अपहृत ग्रामीण 6 दिन बाद भी अब तक गांव नहीं लौटे हैं. 11 अगस्त रविवार रात नक्सलियों ने गुमियापाल के 6 ग्रामीणों का अपहरण कर लिया था.
14 अगस्त को एसपी से की थी फोन पर बात
सोरी ने बताया कि 14 अगस्त को उन्होंने ग्रामीणों के अगवा होने की सूचना एसपी अभिषेक पल्लव को फोन पर दी थी. लेकिन एसपी का कहना है कि 'मेरे पास कोई शिकायत लेकर नहीं आयी है. सोरी ने पुलिस को इस घटना का जिम्मेदार बताते हुए कहा कि आपकी फोर्स ने 9 और 10 तारीख को गुमियापाल गांव जाकर ग्रामीणों के साथ मारपीट की थी, इसी वजह से ग्रामीण आप लोगों के डर से आपके पास शिकायत करने नहीं आए.
पुलिस आदिवासियों को इस्तेमाल कर रही है
सोरी ने कहा कि पुलिस गांव के सीधे-साधे ग्रामीण आदिवासियों को चंद पैसों का लालच दिखाकर मुखबिर बनाती है. इस बात को पुलिस भी कई मौकों पर स्वीकार कर चुकी है. सरकार नक्सलियों से अपनी लड़ाई में भोले-भाले आदिवासियों को मुखबिर बनाकर उनका इस्तेमाल कर रही है.
सरकार बताए ग्रामीणों की रिहाई कब होगी- सोरी
सोरी ने सरकार पर सवालिया निशान खड़े करते हुए ये पूछा है कि सरकार कितने दिनों में ग्रामीणों की सकुशल वापसी करवा लेगी. आदिवासीयों के परिजन सरकार से गुहार लगा रहें हैं.