दंतेवाड़ा में चारपाई पर जिंदगी, बीमार महिला को ढोकर 5 किलोमीटर पैदल चले मजबूर परिजन - चारपाई पर बुजुर्ग
Woman Carried On Cot दंतेवाड़ा में सड़क नहीं होने का खामियाजा मरीज और उसके घरवालों को भुगतना पड़ता है. जिससे उन्हें परेशानी तो होती ही है आर्थिक रूप से भी परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में जब जब विकास के दावे किए जाते हैं तब तब ऐसी तस्वीर सामने आती है जो ये सोचने पर मजबूर कर देती है कि विकास सिर्फ कागजों पर ही हो रहा है. दंतेवाड़ा से एक बार फिर बुजुर्ग को खाट पर ले जाने की तस्वीर सामने आई है. जिसके बाद 5 किलोमीटर तक कांधे पर ढोकर महिला को पैदल मुख्य सड़क तक ले जाया गया.
बुजुर्ग को कांधे पर ढोकर ले गए परिजन: दंतेवाड़ा के ग्राम पंचायत मेटापाल 2 तुर्रेम सौकारपारा का मामला है. बुजुर्ग महिला का नाम हिड़मे है. गांव में ही चलते फिरते गिर गई जिसके बाद पैर फैक्चर हो गया. परिजनों ने अस्पताल ले जाने की सोची लेकिन ये आसान नहीं था. गांव में कोई सड़क नहीं है. जिससे एंबुलेंस गांव तक नहीं आ सकती. ना ही कोई पुल पुलिया है. जिससे किसी दूसरे रास्ते से गांव से बाहर जा सके. जिसके बाद बुजुर्ग महिला के घर वालों ने गांव वालों से मदद मांगी.
दो लोगों ने चारपाई को लकड़ी और रस्सी के सहारे बांधा और बुजुर्ग को उस पर बैठाकर कांधे पर ढोकर निकल पड़े. लगभग 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने के बाद मुख्य सड़क तक पहुंचे और एंबुलेंस का इंतजार करने लगे. इससे एक तरफ उन्हें परेशानी हुई सो अलग दूसरी तरफ इसी काम में दिनभर निकल जाने से उनकी रोजी रोटी पर भी असर पड़ता है.
बारिश में बह गई मुरुम की सड़क:ऐसा नहीं है कि गांव वालों ने कभी शासन प्रशासन से सड़क की मांग ना की हो. कई बार सड़क के लिए ग्रामीणों ने गुहार लगाई. जिसके बाद सालों पहले गांव तक मुरुम की रोड बनाई गई, लेकिन बारिश में वह बह गई. जिससे बाद से आज तक गांव को कोई सड़क नहीं मिल पाई. बरसात के दिनों में हालत और खराब हो जाती है. गांव पूरी तरह से टापू में तब्दील हो जाता है.
गांव में सड़क नहीं बनाने को लेकर अधिकारियों ने ठेकेदारों पर ठीकरा फोड़ा है. उनका कहना है कि गांव में मुरूम रोड बनाने का टेंडर हुआ था लेकिन ठेकेदार ने आधा रोड बनाकर फरार हो गया. इसके लिए आगे अधिकारियों को प्रतिवेदन भेजा गया है. जवाब आते ही सड़क का काम दोबारा शुरू जाएगा.