दंतेवाड़ा:नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में दंतेवाड़ा पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर सात लाख के इनामी नक्सली दंपति ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. लाल आतंक का रास्ता छोड़ने के बाद दोनों नक्सलियों ने पुलिस के सामने नक्सली बर्बरता और जुल्म की कहानी को बंया की है. सरेंडर के बाद सेक्शन कमांडर हुर्रा कुंजाम और उसकी पत्नी बुधरी माड़वी ने पुलिस को बताया कि नक्सली उनको प्रताड़ित करते थे. जब उन्होंने शादी की बात नक्सलियो के टॉप लीडर्स को बताई तो शादी के पहले उनकी नसबंदी करवा दी गई.
शादी के बाद करते थे प्रताड़ित:नक्सलीहुर्रा कुंजाम और उसकी पत्नी बुधरी माड़वी ने नक्सलियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि "शादी करने की बात जब उन लोगों ने नक्सलियों के टॉप लीडर्स को बताई तब से उन्हें परेशान किया जाने लगा. नक्सलियों के बड़े लीडरों ने शादी से पहले नसबंदी करवा दी. बीमार होने पर उन्हें आराम नहीं करने दिया जाता था". उन्होंने नक्सलियों पर जुल्म करने का आरोप लगाया है. पहले हुर्रा की नसबंदी करवाई गई.फिर 2018 में इनकी शादी करवा दी गई.
महिला नक्सली बुधरी माड़ावी ने भी नक्सलियोें पर लगाए गंभीर आरोप: शादी के बाद बुधरी एकाएक बीमार पड़ने लग गई थी. शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं थी. हथियार पकड़कर जंगल में कुछ दूर चलती तो हाथ-पैर में सूजन आ जाते थे. दर्द से तड़पती थी, लेकिन बड़े लीडर्स संगठन के कामों के लिए दबाव बनाते थे. काफी प्रताड़ित करते थे. नक्सलीहुर्रा कुंजाम ने बताया कि पत्नी की तकलीफों को देख नहीं पाया, इसलिए संगठन छोड़ने का निर्णय ले लिया. रात के अंधेरे में किसी तरह से छिपते-छिपाते जंगल से बाहर आ गए. फिर दंतेवाड़ा पुलिस और CRPF के अधिकारियों के सामने आकर सरेंडर किया.
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