दंतेवाड़ा: पोरदेम के जंगलों (forest of pordem) में जवानों और नक्सलियों (naxalite encounter) के बीच 27 जून को मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में डीआरजी (DRG) जवानों ने पांच लाख के इनामी नक्सली संतोष मरकाम (Naxalite Santosh Markam) को मार गिराया था. इसकी पुष्टि दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव (Dantewada SP Abhishek Pallav) ने की थी. लेकिन संतोष के परिजन और ग्रामीण इस मुठभेड़ को फर्जी बता रहे हैं. उनका आरोप है कि ये मुठभेड़ नहीं हत्या है.
ग्रामीणों का आरोप है कि संतोष मरकाम खेत में काम कर रहा था. तभी सर्चिंग पर निकली डीआरजी की टीम (DRG team) ने उसे पकड़ लिया. कुछ दूर जाने के बाद उसकी हत्या कर दी गई. अब पुलिस इसे मुठभेड़ बता रही है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर संतोष मरकाम नक्सली था तो उसे पकड़कर वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए थी. न कि उसका एनकाउंटर.
पुलिस प्रशासन पर परिवारवालों ने लगाए गंभीर आरोप
इस मामले को लेकर समाज सेविका सोनी सोरी (Soni Sori) ने भी पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पुलिस प्रशासन की डीआरजी टीम जब भी सर्चिंग पर निकलती है और नक्सलियों को मार गिराती है तो उसे मुठभेड़ बताती है. उनका कहना है कि अगर कोई नक्सली है तो उसे जेल में डालो. उसके खिलाफ वैधनिक कार्रवाई हो. लेकिन एनकाउंटर करना उचित नहीं है. इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सोनी सोरी ने ग्रामीणों के साथ मिलकर कलेक्टर को भी ज्ञापन सौंपा है.
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