दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ के मुखिया ने दंतेवाड़ा के फागुन मड़ई मेले में बस्तर की पुरानी परंपरा को करीब से देखा.लेकिन इस परंपरा के साथ साथ नए जमाने की चीजों को भी उन्होंने सराहा.आत्मनिर्भर बनाने के लिए भूपेश सरकार की कई योजनाएं प्रदेश में संचालित है. इन योजनाओं में लोकल उत्पाद की ब्रांडिंग की भी व्यवस्था है.यानी जो उत्पाद जिस जिले में ज्यादा हो रहा है उसे उसी जिले में बाजार उपलब्ध हो जाता है. साथ ही साथ योजनाओं से जुड़कर काम करने वाली महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं को भी लाभ होता है. दंतेवाड़ा जिला प्रशासन ने ऐसा ही एक प्रोडक्ट तैयार किया है जो धमाल मचा रहा है.
जिला प्रशासन ने बनाया तेंदू आइसक्रीम :जिला प्रशासन दंतेवाड़ा के नवाचार पहल के तहत तेंदू फल से निर्मित आइसक्रीम बनाया है. जिसका स्वाद सीएम भूपेश को भा गया. मुख्यमंत्री ने तेंदू आइसक्रीम के स्वाद की प्रशंसा करते हुए इसे एक सराहनीय पहल बताया. जिला प्रशासन, दन्तेवाड़ा के सहयोग से इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र दन्तेवाड़ा ने इस फल से आइसक्रीम बनाने का काम कर रहा है.
बीड़ी बनाने में पत्तियों का इस्तेमाल : तेंदू का पेड़ लघु वनोपज श्रेणी में आता है.इसके पत्तियों का इस्तेमाल बीड़ी बनाने में होता है. इसलिए इसके पेड़ को हरा सोना कहा जाता है. बस्तर में लोग इसे हरा सोना के नाम से जानते हैं. यह भारत के पूर्वी हिस्सों एवं मध्य भारत में काफी मिलता है. अभी तक तेंदू पत्ता का इस्तेमाल व्यवसाय के लिए किया जाता रहा है. फल का उपयोग ग्रामीण अपने खाने के साथ लोकल बाजारों में ही बेचने के लिए करते थे.