दंतेवाड़ा : अपराध करने के बाद कानून अपराधी को सजा देता है. जिसके कारण अपराधी अपने किए गए अपराध की सजा जेल के अंदर काटता है.लेकिन जेल के अंदर गया शख्स जब बाहर निकलता है तो उसे अपना जीवन यापन करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि बाहर की दुनिया से कटा होने के कारण सजा काटकर आए शख्स को कोई काम नहीं मिलता.इसलिए कई लोग दोबारा जुर्म का रास्ता अख्तियार कर लेते हैं. जेल में बंद कैदियों की इस मुश्किल को दंतेवाड़ा जेल प्रबंधन ने समझा.इसलिए अब जेल प्रबंधन कैदियों को आत्मनिर्भर बना रहा है.
जेल प्रबंधन ने कैदियों को दी ट्रेनिंग :दंतेवाड़ा जिला प्रशासन की अभिनव पहल और जेल अधीक्षक गोवर्धन सोरी के मार्गदर्शन में ’’आरसेटी’’ (रूरल सेल्फ एम्प्लॉयमेंट ट्रेनिंग) डायरेक्टर एम.आर.राजू के निर्देशन में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) दंतेवाड़ा जेल में कैद बंदियों को 10 दिवसीय फास्ट फूड स्टॉल उद्यमी का ट्रेनिंग दे रहा है.जिसमें आरसेटी की कुकिंग ट्रेनर श्रुति अग्रवाल कैदियों को फास्ट फूड जैसे भेलपुरी, पानी पुरी, मोमोज, मंचूरियन, चाउमीन, समोसा, कचौड़ी, पाव भाजी, वेज पुलाव, पकोड़ा तैयार करने की ट्रेनिंग दे रही है.
'' दस दिन का सर लोगों ने ट्रेनिंग दिया गया है.स्व रोजगार के लिए ट्रेनिंग कर रहा हूं.यहां पर सब पानीपुरी,समोसा,भजिया और हर प्रकार के व्यंजन बनाना सीखा रहे हैं.यहां के सर हर तरह की योजना का काम करना सिखाते हैं.'' अमित सोरी, कैदी