दंतेवाड़ा: प्रदेश के 27 जिलों में एक मात्र दंतेवाड़ा जिला जैविक जिला है, जहां किसान रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं करते हैं. वहीं जिले में रासायनिक खाद पूरी तरह से बैन है, पिछले चार सालों से यहां यूरिया और डी ए पी नहीं मिल रही है.
दंतेवाड़ा के किसानों को थोड़ी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है. इस समस्या को दूर करने के लिए पशु विभाग पूरे जिले के किसानों को जैविक खाद देने की तैयारी कर रहा है. जिले के गौठानों में गाय के गोबर और मूत्र से जैविक खाद तैयार किया जा रहा है.
इस जैविक खाद को स्व सहायता समूह की महिलाएं बनाएगी. इसके लिए इनको ट्रेनिंग भी दी जा रही है, वहीं पशुधन विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर का कहना है कि 'हमारे पास पर्याप्त मात्रा में गोबर होगा, क्योंकि दंतेवाड़ा जैविक जिला है , प्रशासन खाद बनाने की दिशा में जा रही है, जिससे किसानों को कम दामों में बेहतर जैविक खाद प्रदान हो जाएगा.