दंतेवाड़ा:क्षीरसागर दूध उत्पादक सहकारी समिति (Kshir Sagar Dairy,Dantewada) परियोजना से जिले में दुग्ध उत्पादकों और डेयरी उद्योग के लिए नई राहें खुल गई हैं. दुग्ध व्यवसायियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने क्षीर सागर उद्योग शुरू किया. जिसमें 1 हजार दूध डेयरी किसान पंजीकृत हैं. क्षीर सागर संस्था डेयरी किसानों से दूध खरीदती है और उनके अलग-अलग उत्पाद बनाकर बेचती है. जिससे ना सिर्फ डेयरी किसानों को लाभ मिल रहा है बल्कि इस संस्था से जुड़े लोगों को भी रोजगार मिल रहा है. हालांकि कोरोना और लॉकडाउन का असर इस संस्था पर भी पड़ा. जिसके बाद इस संस्था को शासन के मदद की दरकार होने लगी.
दुग्ध व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दंतेवाड़ा जिला प्रशासन ने साल 2014 में क्षीर सागर उद्योग का निर्माण शुरू किया. लाखों रुपये की लागत से इस संस्था को शुरू कराया गया. जिले के चारों ब्लॉक के एक हजार से ज्यादा डेयरी किसानों ने इस संस्था में अपना पंजीयन कराकर समिति के जरिए क्षीरसागर उद्योग चलाने का निर्णय लिया. साल 2014 में संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया गया. विधिवत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व अन्य सदस्यों का चुनाव किया गया. तब से क्षीर सागर दूध उद्योग को किसानों की तरफ से बनाई गई समिति के माध्यम से ही संचालित किया जा रहा है.
किरंदुल, बचेली, कटेकल्याण से दूध लेकर आते हैं पशुपालक
क्षीरसागर दूध उद्योग के संचालक गणेश यादव बताते हैं कि क्षीरसागर संस्था बनाई गई. इस संस्था में 32 किसान सदस्य है. 9 बोर्ड मेंबर है जिनके माध्यम से संस्था का काम किया जा रहा है. गणेश बताते हैं कि किरंदुल, बचेली, दंतेवाड़ा के सभी ब्लॉक, गीदम और कटेकल्याण से भी पशुपालक यहां दूध लेकर आते हैं. दूध के अलावा यहां पनीर, मिठाईयां, दही के साथ ही दूध के अन्य उत्पाद भी बनाकर बेचे जाते हैं. दुग्ध व्यवसायियों को हर 15 दिनों में उनके दूध के पैसे दिए जाते हैं.
'दूध लेकर घूमना नहीं पड़ता '
संस्था से जुड़े पशुपालकों को अब दूध बेचने के लिए यहां-वहां भटकना नहीं पड़ता है. घर में जितना भी दूध होता है. वे समिति में लाकर दे देते हैं. हर 15 दिन में उन्हें भुगतान किया जाता है. दूध व्यवसायी रमेश कुमार बताते हैं कि पहले उन्हें दूध लेकर घर-घर जाना पड़ता था. लेकिन अब वे क्षीरसागर आकर ही पूरा दूध देते हैं. खास बात ये हैं कि समय से उनका भुगतान भी हो जाता है. हर 15 दिनों में दुग्ध व्यवसायियों को भुगतान किया जाता है.
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