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दंतेवाड़ा: नक्सल पीड़ित परिवारों के बच्चे आत्मसात कर रहे गीता का ज्ञान - छत्तीसगढ़ न्यूज

दंतेवाड़ा के गुमरगुंडा आश्रम में नक्सल पीड़ित परिवारों के सदस्य गीता का पाठ सीख रहे हैं. गीता पाठ कराने का उद्देश्य सभी को धर्म और कर्म का ज्ञान कराना है, ताकि वे जीवन में विनम्र बनें.

Members of Naxalite affected families are learning Geeta lessons in dantewada
नक्सल पीड़ित परिवारों के सदस्य सीख रहे गीता का पाठ

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Published : Jan 21, 2021, 12:45 PM IST

दंतेवाड़ा: गुमरगुंडा आश्रम में नक्सल पीड़ित परिवारों के बच्चे-बड़े सभी गीता का पाठ सीख रहे हैं. ऋषिकेश से आए स्वामी आनंद स्वरूपानंद और स्थानीय स्वामी विशुद्धानंद सरस्वती कई परिवारों के सदस्यों को इसका अभ्यास करा रहे हैं. इनमें से ज्यादातर सदस्य नक्सल पीड़ित परिवारों के हैं. वहीं कुछ युवाओं के माता-पिता नक्सलियों के हाथों मारे जा चुके हैं. गीता पाठ कराने का उद्देश्य सभी को धर्म और कर्म का ज्ञान कराना है, जिससे वे जीवन में विनम्र बनें.

नक्सल पीड़ित परिवारों के सदस्य योगाभ्यास करते हुए

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आधुनिकता की दौड़ में गीता का पाठ पढ़ना एक सुखद अहसास

आश्रम के स्वामी विशुद्धानंद सरस्वती कहते हैं कि हम बहुत सी किताबें और अपने रोल मॉडल के बारे में लोगों को बताते हैं. वे कहते हैं कि गीता में ज्ञान और विज्ञान दोनों है. विशुद्धानंद सरस्वती ने कहा कि इस आधुनिकता की दौड़ में अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए नक्सल पीड़ित परिवारों के सदस्यों का गीता का पाठ पढ़ना एक सुखद अहसास दिलाता है. सभी परिवारों के सदस्य दैनिक दिनचर्या की शुरुआत से लेकर रात्रि विश्राम तक समय-समय पर गीता का पाठ करते हैं.

नक्सल पीड़ित परिवारों के सदस्य योगा करते हुए

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इसके अलावा नक्सल पीड़ित परिवार के बच्चों को यहां कक्षा आठवीं तक निःशुल्क शिक्षा भी दी जाती है. वहीं कुछ बच्चे यहीं रहकर आगे की पढ़ाई भी करते हैं. भगवत कथा वाचन में पारंगत बच्चे और युवा गृहस्थों के घर में या अन्यत्र होने वाले धार्मिक आयोजन में पाठ भी करते हैं.

नक्सल पीड़ित परिवारों के सदस्य सीख रहे योगा

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