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दंतेश्वरी माई के दरबार में दिवाली पर विशेष पूजा, मां की सेवा में रहते हैं लंकवार सेवादार - दिवाली से एक दिन पहले मां दंतेश्वरी के मंदिर

दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी माई का दरबार दिवाली पर और भव्य हो जाता है. दंतेश्वरी मां का नाम सुनते ही सिर अपने आप भक्ति भाव से झुक जाता है. दंतेश्वरी माई के दरबार की दिवाली खास होती है. दिवाली से एक दिन पहले मंदिर में विशेष पूजा होती है. सालों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक दशहरा पर्व में जगदलपुर से मां दंतेश्वरी की डोली दंतेवाड़ा लौटती है. उसके 9 दिन बाद पूर्व से ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है. मां की सेवा के लिए 12 लंकवार सेवादार मौजूद रहते हैं.

Diwali puja at Danteshwari temple
दंतेवाड़ा मंदिर में दीपावली की पूजा

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 12, 2023, 12:16 PM IST

Updated : Nov 12, 2023, 2:03 PM IST

दंतेश्वरी माई के दरबार में दिवाली पर विशेष पूजा,

दंतेवाड़ा:दिवाली से एक दिन पहले मां दंतेश्वरी के मंदिर में खास पूजा होती है. मां के दरबार को दीयों की रोशनी से सजाया जाता है. मां की सेवा के लिए 12 लंकवार सेवादार 24 घंटे मौजूद रहते हैं. इन 12 सेवादारों में एक तुडपा समाज का भी सेवादार होता है. तुडपा समाज का सेवादार दिवाली से 9 दिन पहले से ही मां दंतेश्वरी सरोवर से रात के तीसरे पहर में पानी लाने के लिए निकल जाता है. मिट्टी के घड़े में लाए गए इसी पानी से मां को सुबह में स्नान कराया जाता है. स्नान के बाद माता का विशेष श्रृंगार किया जाता फिर उनकी पूजा अर्चना की जाती है.

मां की सेवा में रहते हैं लंकवार सेवादार: परंपरा मुताबिक कतियार राउत समाज के लोग जंगल से जड़ी बूटी खोजकर लाते हैं. लाई गई जड़ी बूटी को मिट्टी के हांडी में हल्की आंच पर उबाला जाता है. फिर उबाले गए जल को छानकर मां के स्नान के लिए लाए गए पानी में मिलाया जाता है. इसी जड़ी बूटी वाले पानी से मां को स्नान कराकर इसी पानी से दवाई बनाई बनाई जाती है. औषधि बनने के बाद सभी 12 लंकवार सेवादारों को मिट्टी की हांडी में ये दवा पीने के लिए परोसी जाती है. बाकी की बची हुई औषधि को गांव वालों और भक्तों के बीच बांटा जाता है. मान्यता है कि बांटी गई दवा से हर गंभीर बीमार जड़ से खत्म हो जाती है.

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मां पूरी करती है हर मन्नत:पीढ़ियों से मनाई जा रही परंपरा अपने प्राचीन रुप में कायम है. दिवाली से एक दिन पहले जिन पांच हजार दीयों को मां के मंदिर में चढ़ाया गया था उन दीपकों से ही मंदिर को भव्य और जगमग किया जाएगा. दंतेश्वरी माई के दरबार में दशहरे से लेकर दिवाली तक लाखों भक्तों का आना होता है. मान्यता है कि सच्चे मन से मां का आशीर्वाद अगर भक्त मांगे तो उसके जन्म जन्मांतरों की मुरादें पूरी हो जाती हैं

Last Updated : Nov 12, 2023, 2:03 PM IST

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