दंतेवाड़ा : 16 महीने पहले छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य दंतेवाड़ा जिले में महिलाओं की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायत हारम में नवा दन्तेवाड़ा गारमेन्ट फैक्ट्री की स्थापना की. कपड़े का ब्रांड नेम होना जरूरी था. इसलिए यहां बने कपड़ो को नया नाम दिया गया ये नाम था डैनेक्स जिसका मतलब होता है दंतेवाड़ा नेक्स्ट. इस नाम में दंतेवाड़ा जिले की भव्यता और आने वाला कल छिपा (Dannex changed the face of Dantewada )था.
कहां हुई पहली फैक्ट्री की स्थापना :‘हारम’ में स्थापित पहली डैनेक्स फैक्टरी ने सफलता के कीर्तिमान गढ़ना शुरू कर दिया. जिसके बाद बारसूर, कारली और कटेकल्याण ग्राम में भी डैनेक्स यूनिट स्थापित हो चुकी हैं. डैनेक्स की चार यूनिट से लगभग 50 करोड़ रूपए मूल्य के 6 लाख 85 हजार कपड़ों का लॉट बैंगलोर भेजा जा चुका है. जहां से इनका विक्रय पूरे देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक हो रहा है. दंतेवाड़ा नेक्स्ट यानि की डैनेक्स से दंतेवाड़ा के लगभग 800 लोगों को रोजगार मिला. कभी गरीबी के साए में दिन बिताने वाली महिलाएं 7 से 10 हजार की आय अर्जित कर रही हैं.
कटेकल्याण में नई यूनिट शुरु :छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में डैनेक्स कटेकल्याण यूनिट (Dannex Katekalyan Unit ) का निरीक्षण किया है.इस दौरान उन्होंने कंपनी में काम करने वाली महिलाओं से बातचीत की. महिलाओं ने सीएम भूपेश को बताया कि किस तरह से उन्होंने महज डेढ़ साल के अंतराल में ही अपने परिवार के लिए बहुत कुछ जुटा लिया है. फैक्ट्री लगने से पहले ना तो उन्हें अपने जीवन के उद्देश्य का पता था और ना ही ये मालूम था कि आगे चलकर घर का खर्च कैसे चलेगा.