दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ के जंगलों में आजाद हिंद फौज के सामान ही वर्दी पहने कई आदिवासी रहते हैं. जिन्हें कंगला मांझी सरकार आर्मी कहा जाता है. देवनाथ की तरह इनका भी सरकार से कोई लेना-देना नहीं होता. ये आदिवासी अपने आप में ही सरकार हैं.
आज भी चलती है कंगला मांझी सरकार : आजादी के 74 साल बाद भी छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के कई इलाकों में इस कंगला मांझी सरकार की अपनी अलग दुनिया है. दावा है कि, दो लाख से अधिक वर्दीधारी आदिवासी गांधीवादी तरीके से अपनी सरकार चलाते हैं. इस अनोखी सरकार के पास अपने मंत्री हैं. संतरी और पुजारी हैं.कुल मिलाकर एक पूरी व्यवस्था बनी हुई है. कंगला मांझी सरकार जहां भी जाती है. उनके साथ 17 सौ से ज्यादा उनकी खुद की सेना उनके साथ चलती है. ऐसा ही नजारा दंतेवाड़ा में देखने को मिला जब वह दो दिवसीय प्रवास पर दंतेवाड़ा पहुंची.
मां दंतेश्वरी के किए दर्शन : मांझी सरकार ने पहले अपने दल बल के साथ मां दंतेश्वरी के दर्शन किए. इस दौरान कंगला मांझी ने धर्मांतरण, नक्सलवाद और पिछड़ापन जैसे मुद्दों पर अपनी राय दी. साथ ही प्रमुखता से कार्य करने का सामाजिक लोगों से अपील की.कंगला मांझी ने पिछड़े क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के पहुंचाने की बात कही है.