छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

लोन वर्राटु अभियान से प्रभावित होकर चार माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

माओवादी की खोखली विचारधारा से तंग आकर चार माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है.

Maoists surrendered in Dantewada
चार माओवादियों ने आत्मसमर्पण

By

Published : Aug 23, 2021, 8:34 PM IST

दंतेवाड़ा: लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर चार माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया हैं. दंतेवाड़ा में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत जिला दन्तेवाड़ा विभिन्न ग्रामों के व्यक्ति जो प्रतिबंधित नक्सली संगठन में सक्रिय हैं. माओवादी आत्म समर्पण कर सम्मान पूर्वक जीवन जी सके, इसके लिए थाना और कैम्पों के साथ साथ ग्राम पंचायतों में लोन वर्राटू अभियान चलाया जा रहा है. जिसका फायदा उठा कर नक्सली संगठन में सक्रिय माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं.

नक्सली का स्मारक ध्वस्त

नक्सलियों के शहीदी सप्ताह में बस्तर पुलिस को मिल रही सफलता

इसी अभियान के तहत सोमवार को चार माओवादियों ने माओवादी की खोखली विचारधारा से तंग आकर मुख्यधारा में वापस लौटने का फैसला किया है और पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. लोन वर्राटु अभियान के तहत अब तक 108 इनामी माओवादी सहित कुल 408 माओवादियों आत्मसमर्पण कर चुके हैं और सभी मुख्यधारा में जुड़कर शांति पूर्वक जीवन जी रहे हैं.

नक्सली का स्मारक ध्वस्त

दंतेवाड़ा में नक्सल विरोधी अभियान के तहत जिले में सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत डीआरजी जवानों ने सर्चिंग के दौरान
कुआकोंडा में एटेपल गांव में नक्सली आयतू का स्मारक ध्वस्त किया. आयतू एटेपाल मिलिशिया प्लाटून कमांडर था जो विभिन्न घटनाओं में शामिल था. वह डीआरजी जवानों के साथ मुठभेर में मारा गया था. जिसकी याद में नक्सली संगठन ने स्मारक तैयार किया था.

सफल हो रही योजना

लगातार केंद्र और राज्य सरकार आपसी समन्वय बनाकर बस्तर के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नये पुलिस कैम्प खोलने का काम कर रही है. जिससे ग्रामीणों में भी नक्सलियों का दहशत कम हुई है. यही वजह है कि ग्रामीण अब नक्सलियों का साथ नहीं दे रहे हैं और पुलिस को नक्सलियों के बंद के दौरान सफलता भी हाथ लग रही है.

अभी भी संभाग के कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली स्मारक बनाने के साथ ग्रामीणों की बैठक ले रहे हैं. इसे देखते हुए पुलिस इन क्षेत्रों में भी ऑपरेशन चला रही है, साथ ही पुलिस ने अपने ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों के स्मारक को भी ध्वस्त करने का काम किया है. पुलिस की त्रिवेणी योजना पिछले कुछ सालों से कारगर साबित हो रही है और आगामी दिनों में भी धीरे-धीरे ग्रामीणों के मन से नक्सलियों का दहशत कम होगा और बस्तर में नक्सली संगठन को कमजोर बनाने में पुलिस कामयाब होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details