दंतेवाड़ा:दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान का असर देखने को मिल रहा है. यहां लगातार नक्सली लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर सरेंडर कर रहे हैं. शनिवार को लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर दंतेवाड़ा में चार नक्सलियों ने सरेंडर किया है. लाल आतंक की खोखली विचारधारा से तंग आगर चारों नक्सलियों ने समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का फैसला किया है. सीआरपीएफ की 231वीं वाहिनी और दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के समाने नक्सलियों ने सरेंडर किया. आत्मसमर्पित नक्सली बीते 8 वर्षों से नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे.
सरेंडर करने वाले नक्सलियों के नाम
- सुदुरू मड़कामी, मिलिशिया सदस्य
- देवा मरकाम, मिलिशिया सदस्य
- सन्ना लेकामी, मिलिशिया सदस्य
- सुक्का माड़वी, मिलिशिया सदस्य
सरेंडर कर चुके सभी नक्सली आगजनी, स्कूलों को तोड़ना, रोड काटना, अपहरण, मारपीट और उगाही के मामलों में पुलिस की रडार पर थे. इन चारों पर थाना कुंआकोंडा में मामले दर्ज थे. लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 128 इनामी नक्सलियों सहित कुल 535 नक्सलियों ने सरेंडर किया है.
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क्या है लोन वर्राटू अभियान ?:लोन वर्राटू गोंडी शब्द है जिसका अर्थ 'घर वापस आइए' होता है. इस अभियान से ग्रामीणों को जोड़ने के लिए पुलिस ने सरेंडर कर चुके नक्सलियों के नाम बैनर में लगाए हैं. ताकि ग्रामीण अपने उन लोगों को यह बात बता सके जो लाल आतंक से जुड़े हुए हैं. ग्रामीण भी अपने गांव के नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने की अपील कर रहे हैं. यही वजह है कि लोन वर्राटू अभियान के तहत आदिवासी लगातार नक्सल संगठन छोड़ मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.
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जून 2020 में लोन वर्राटू अभियान की हुई थी शुरुआत:दंतेवाड़ा पुलिस ने जून 2020 को लोन वर्राटू अभियान (घर वापस आइए अभियान) की शुरुआत की थी. पुलिस ने ग्राम पंचायतवार नक्सलियों की सूची जारी कर गांवों में चस्पा कराया था. इस अभियान के तहत 128 इनामी नक्सलियों सहित कुल 535 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में कई कमांडर स्तर के भी नक्सली शामिल हैं. इस अभियान की तारीफ सीएम भूपेश बघेल भी कर चुके हैं.