दंतेवाड़ा: अरनपुर में 26 अप्रैल को नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर दिया, जिसकी चपेट में आकर डीआरजी के 10 जवान हो गए. बड़ी नक्सली वारदात को लेकर पूरे देश में गुस्सा है. गुरुवार को एक ड्राइवर ने घटना का आंखों देखा हाल बताया. उसकी गाड़ी आईईडी की चपेट में आने वाली गाड़ी से करीब 150 मीटर के ही फासले पर थी. उसने कहा कि "वह जब तक जिंदा रहेगा, इस दिन के कभी भूल पाएगा नहीं पाएगा."
पान मसाला खाने के लिए स्लो की थी गाड़ी:चश्मदीद ने बताया कि "पान मसाला खाने के लिए गाड़ी स्लो करते ही मल्टी-यूटिलिटी वाहन ने उसे ओवरटेक किया. गाड़ी तकरीबन 150 से 200 मीटर ही आगे थी. इतने में जोरदार धमाका हुआ और गाड़ी के टुकड़े-टुकड़े हवा उड़ गए और गाड़ी में सवार सभी 10 पुलिसकर्मियों और गाड़ी चालक की मौत हो गई."
पीछे चल रहे जवानों ने तुरंत संभाला मोर्चा:ड्राइवर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि "विस्फोट के तुरंत बाद उसकी गाड़ी में यात्रा कर रहे सुरक्षाकर्मी कूद गए और सड़क के किनारे मोर्चा संभाला. जवानों ने स्थिति संभाली और जंगल की ओर गोलियां चलानी शुरू कर दी. काफिले में मेरी गाड़ी दूसरे नंबर पर थी, जिसमें सात सुरक्षाकर्मी थे. मुझे लगता है कि लक्ष्य हमारी ही गाड़ी थी, लेकिन भगवान ने हमें बचाया. मेरे सामने चल रही गाड़ी धमाके में उड़ गई. मैंने सड़क पर लाशों और गाड़ी के टुकड़े बिखरे देखे. मैं पूरी तरह से चौंक गया और छिपने के लिए अपनी गाड़ी के नीचे रेंगता हुआ चला गया."