दंतेवाड़ा: रविवार को दंतेवाड़ा में भी धूमधाम से होलिका दहन किया गया. माई दंतेश्वरी की नवमी पालकी धूमधाम से नारायण मंदिर तक ले जाई गई. जिसके बाद 12 अलंकार चालकियों ने आंवला मार की रस्म निभाई. इस रस्म के बाद फिर से माई दंतेश्वरी की पालकी को दंतेश्वरी मंदिर लाया गया. मान्यता है कि जिस किसी को भी आंवले की मार पड़ती है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.
शाम को होलिका दहन का कार्यक्रम पूरी रस्म के साथ किया गया. जिसमें मां दंतेश्वरी की दूसरी पार्टी के बाद ताड़ के पत्ते 12 अलंकार लेकर आए. उन्हें दंतेश्वरी सरोवर में धोने के बाद मंदिर प्रांगण में रखा गया था. उन्हीं पत्तों से रविवार को होलिका दहन का कार्यक्रम पूरे विधि विधान के साथ किया गया. रस्म में सबसे पहले मां दंतेश्वरी की पालकी दंतेश्वरी मंदिर से होते हुए शनि मंदिर तक लाई गई. वहां ताड़ के पत्ते से बने होली का को पूजा अर्चना कर सात परिक्रमा लगाते हुए होलिका दहन किया गया.