छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

नक्सलगढ़ की बदली तस्वीर...जहां सुनाई देती थी गोलियों की तड़तड़ाहट अब फैली लौकी-बैंगन-मिर्ची की खुश्बू...

दंतेवाड़ा की पहचान अब बदलने लगी है. धीरे-धीरे यहां गोलियों की तड़तड़ाहट के बदले लहलहाती फसलें दिखने लगीं हैं. ग्रामीण सब्जी की फसल उगाकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. अब नई तकनीक से बैंगन और बरबट्टी की खेती से पूरा परिवार समृ्द्ध हो रहा है. आर्थिक सामर्थ्य बढ़ता देख उन्होंने इस बार लौकी के और ज्याद 450 पौधे लगाए हैं.

Farmer
किसान

By

Published : Mar 5, 2022, 11:02 PM IST

दंतेवाड़ा:दंतेवाड़ा की पहचान अब बदलने लगी है. धीरे-धीरे यहां गोलियों की तड़तड़ाहट के बदले लहलहाती फसलें दिखने लगीं हैं. ग्रामीण सब्जी की फसल उगाकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. नई तकनीक से कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं. यहां की दशा और दिशा बदलने वाले नेहरू राम मरकाम इन दिनों किसानों के लिए नजीर बन गए हैं.

किसान नेहरू राम मरकाम सब्जी की फसल उगाकर बने आत्मनिर्भर

यह भी पढ़ें:छत्तीसगढ़ में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी : 3 आईपीएस, राज्य पुलिस सेवा के 5 अफसरों का तबादला

किसान यहां पारंपरिक खेती और आधुनिक तकनीक का संयोजन कर आर्थिक समृद्ध हो रहे हैं. नेहरू राम मरकाम करीब 5 एकड़ जमीन में खेती करते हैं. इसमें वे लौकी, बैंगन और मिर्च की खेती कर रहे हैं... नेहरू की मां ने बताया कि उनका परिवार सब्जियों की खेती कर रहा है. बैंगन और बरबट्टी की खेती से पूरा परिवार समृ्द्ध हो रहा है. आर्थिक सामर्थ्य बढ़ता देख उन्होंने इस बार लौकी के और ज्याद 450 पौधे लगाए हैं. मां बेटे की मेहनत देख काफी खुश हैं. नतीजा यह है कि अब परिवार के दूसरे सदस्य भी खेती में ज्यादा समय दे रहे हैं..


बहरहाल, दंतेवाड़ा में किसान परिवार सब्जी की फसल उगाकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. खेती से गांव के और भी लोगों को जोड़ने के लिए सरकार और प्रशासन अगर मदद कर दे तो इससे न सिर्फ गांव की तस्वीर बदलेगी बल्कि किसान आत्मनिर्भर भी हो सकेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details