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Published : Mar 30, 2022, 6:50 PM IST

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दंतेवाड़ा : ग्रामीण महिला को नक्सली बता पुलिस ने कराया सरेंडर ! ग्रामीणों ने भांसी थाना घेर किया चक्का जाम

दंतेवाड़ा में ग्रामीण महिला का नक्सली बताकर आत्मसमर्पण कराने के मामले में पुलिस के खिलाफ ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया. साथ ही ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया.

Dantewada Rural Women Naxalites
दंतेवाड़ा ग्रामीण महिला नक्सली

दंतेवाड़ा :छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग शुरू से ही नक्लियों के आतंक का गढ़ रहा है. हालांकि दक्षिण बस्तर में नक्सल आतंक विकराल होता जा रहा है. इस बीच पुलिस और ग्रामीणों के बीच के झगड़े का भी मुख्य कारण नक्सली ही रहे हैं. ताजा मामला दंतेवाड़ा से है. यहां ग्रामीणों का पुलिस पर आरोप है कि वो गांव की ही एक महिला को नक्सली बताकर आत्मसमर्पण कराने की झूठी बात कह रहे हैं. इसके विरोध में ग्रामीणों ने भांसी थाना का घेराव पर प्रदर्शन किया.

पुलिस ने कराया आत्मसमर्पण तो ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

झूठा आत्मसमर्पण का मामला : दरअसल, भांसी थाना में मंगलवार को भांसी पंचायत के बुधराम पारा की रहने वाली ग्रामीण महिला आयती तेलाम को नक्सली बताकर समर्पण करवाया गया था. ग्रामीणों का कहना है कि आयती तेलाम नक्सली नहीं है. वह अपने घर में रहती है. नक्सलियों से उसका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है. इस विषय में भांसी पंचायत के अजय तेलाम ने बताया कि आस-पास के पंचायत के लोगों से हम लोगों ने आयती की नक्सली संलिप्तता पर चर्चा की. गांव के लोगों ने साफ इंकार किया है. पुलिस ने उसे नक्सली बता कर झूठा आत्मसमर्पण कराया है. यानी कि ग्रामीणों का आरोप है कि यहां पुलिस आत्मसमर्पण किये नक्सलियों की संख्या बढ़ाने को फर्जी काम कर रहे हैं.

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ग्रामीणों का थाना प्रभारी पर आरोप: वहीं, इस समर्पण के विरोध में बुधवार को ग्रामीणों ने थाना का घेराव कर दिया है. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने स्टेट हाईवे पर बैठ कर दो घंटे तक पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. ग्रामीणों का आक्रोश थाना प्रभारी के प्रति कुछ ज्यादा ही था. फर्जी समर्पण की इस कहानी को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है. ग्रामीणों का कहना है कि समर्पण, गिरफ्तारी और मुठभेड़ पर पड़ताल ही नहीं की जाती है.

पुलिस अधिकारियों ने दी समझाईश:हालांकि इस मामले की जानकारी जैसे ही पुलिस अधिकारियों को लगी, वो मौके पर पहुंच गए. एएसपी जयसवाल ग्रमाीणों से बातचीत कर मामले को सुलझाया. करीब दो घंटे बाद सड़क से ग्रामीणों को हटाया गया. थाना प्रभारी को हटाने को लेकर ग्रामीण जिद पर थे. अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

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