दंतेवाड़ा : छठ पर्व को लेकर भोजपुरी मैथिली समाज के लोगों में खासा उत्साह देखा गया.कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सूर्य षष्ठी के नाम से जाना जाता है. यह पर्व बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से मनाया जाता है. उत्तर भारतीयों के लिए छठ किसी महापर्व से कम नहीं होता. बदलते समय के साथ अन्य प्रदेशों में भी लोगों ने भगवान सूर्य के उपासना के इस पर्व की विधान से मनाना शुरू किया है. Chhath parv gave ardhya to rising sun in Dantewada
क्या है छठ का मान्यता : छठ पर्व पूरे घर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा चार दिवसीय होता है.व्रत लगातार रखा जाता है. खरना के बाद शाम को व्रतधारी तीन दिनों तक व्रत रखती हैं. इस दौरान वे शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं. उसके पानी भी ग्रहण नहीं करती. मान्यता है कि अगले दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया व्रत रखने से महिलाओं को पुत्ररत्न की प्राप्ति होती है. सूर्य षष्ठी के दिन महिलाएं निराहार रहती है .साथ ही घर परिवार में हमेशा व्रत रखकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पुत्र सुख, शांति और समृद्धि होती है. इस दौरान प्राप्ति की कामना करती हैं.