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Dantewada News: तीन साल से नहीं मिला भुगतान तो कलेक्ट्रेट पहुंचीं स्व सहायता समूह की महिलाएं

महिला एवं बाल विकास की ओर से संचालित सुपोषण योजना के काम में लगी स्व सहायता समूह की महिलाएं मंगलवार को समय से भुगतान न मिलने की शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची. आर्थिक मोर्चे पर तंगी का सामना कर रही महिलाओं ने न्याय की गुहार लगाई है.

self help group women
स्व सहायता समूह की महिलाएं

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Published : May 24, 2023, 10:07 AM IST

दंतेवाड़ा: महिला एवं बाल विकास की ओर से जिले के अंदरूनी क्षेत्र के आंगनबाड़ी में स्व सहायता समूहों के माध्यम से सुपोषण योजना चलाई जा रही है. छोटे-छोटे बच्चे स्वास्थ्य और निरोग रहें, इसके लिए उन्हें पोषक आहार दिया जा रहा है. आहार स्व सहायता समूह की महिलाएं बना कर बच्चों को खिलाती हैं. इसके लिए जिले के चारों ब्लॉक दंतेवाड़ा, गीदम, कुआकोंडा और कटेकल्याण में स्व सहायता समूह की महिलाएं कार्यरत हैं. मंगलवार को समूह की महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंचीं और समय पर भुगतान न होने को लेकर कलेक्टर से गुहार लगाई.

2021 से नहीं हो रहा समय पर भुगतान: स्व सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि "वर्ष 2021 से निरंतर वहां कार्य कर रही है, लेकिन अब तक समय पर भुगतान नहीं हुआ. इसके कारण अब समस्या हो रही है. जहां से हम सामग्री खरीदते हैं, उस व्यापारी ने समूह पर तगादा करना शुरू कर दिया है. समय पर राशि नहीं डालने के कारण अब बच्चों को पोषक आहार देने में दिक्कतें आ रही हैं. समस्याओं को लेकर आज हम स्व सहायता समूह की महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची हैं और कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी समस्या से अवगत कराया है."

कलेक्टर से मिल आश्वासन:मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने जल्द से जल्द इस समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया है. महिला एवं बाल विकास अधिकारी वरुण नागेश ने कहा कि "जिले के चारों ब्लॉक में 1030 आंगनबाड़ी संचालित हैं, जिसमें स्व सहायता समूह के माध्यम से हम सुपोषण योजना चला रहे हैं. बच्चों तक पोषक आहार पहुंचाने के लिए चारों ब्लॉकों में स्व सहायता समूह की महिलाएं कार्यरत है."

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"मामला 2021 का है जो मेरे संज्ञान में नहीं है. आज इन के माध्यम से मुझे अवगत हुआ है. जल्द से जल्द महिलाओं की समस्या का निराकरण किया जाएगा और उन्हें समय पर भुगतान किया जाएगा. ताकि इनकी समस्या का हल हो सके."-वरुण नागेश, महिला एवं बाल विकास अधिकारी

बीते तीन साल के भुगतान की समस्या को लेकर अधिकारी स्व सहायता समूह की महिलाओं को आश्वासन ही देते रहे. अब देखना ये है कि इनकी समस्याओं का हल प्रशासन भला कब तक निकाल पाता है.

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