दंतेवाड़ा:जिले में रियासतकालीन फागुन मेला (Dantewada Phagun Madai 2022 ) की परंपरा आज भी कायम है. फागुन मेले के नौवें दिन होलिका दहन की रस्म निभाई गई. दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी पूजा अर्चना कर ताड़ के पत्तों को लेकर 12 लंकवार, माझी चालकों और सेवादारों के साथ ढोल नगाड़ों की थाप के साथ भैरव मंडप पहुंचे. जहां विधिविधान से होलिका दहन किया गया.
मां दंतेश्वरी मंदिर में ताड़ के पत्तों से होलिका दहन (Holika Dahan with palm leaves in danteshwari temple)
मंदिर पुजारी परमेश्वर नाथ जीया ने बताया कि 'रियासतकालीन महाराजा भोपालदेव के समय से होली पर मड़ई मेला का आयोजन होता है. पहले दिन मां का कलश स्थापित किया जाता है. उसी दिन ताड़ के पत्रों की पूजा कर होलिका दहन किया जाता है. होलिका दहन के बाद उसकी राख से दूसरे दिन देवी-देवताओं को होली का तिलक लगाया जाता है'.