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दंतेवाड़ा मनवा ढाबा: कलेक्टर और सीईओ ने दीदियों के हाथ से बने भोजन का उठाया लुफ्त

दंतेवाड़ा में मनवा ढाबा में स्व सहायता समूह की दीदियों के हाथ से बने भोजन का कलेक्टर और सीइओ ने स्वाद चखा है. जिसे लेकर स्व सहायता समूह की दीदियों में काफी उत्साहित दिखीं. कलेक्टर और सीईओ ने काम को लेकर सराहना की.

Dantewada Manwa Dhaba
दंतेवाड़ा मनवा ढाबा

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Published : Sep 11, 2022, 4:06 PM IST

दंतेवाड़ा:कलेक्टर विनीत नंदनवार और जिला पंचायत सीईओ आकाश छिकारा की गाड़ी गीदम स्थित मनवा ढाबा पहुंची. उन्होंने पूरे परिसर का भ्रमण किया. फिर स्व सहायता समूह के दीदियों से मिले. कलेक्टर और सीईओ ने ढाबा में दीदियों के हाथ से बने भोजन का कलेक्टर और सीईओ ने स्वाद चखा. इसका भुगतान भी किया और उनके कार्यों की सराहना की.

ग्रामीण अर्थव्यवास्था का रीढ़ गौठान:दंतेवाड़ा के विकासखंड गीदम से छह किलोमीटर दुर बड़े कारली ग्राम पंचायत स्थित गौठान है. आज ग्रामीण अर्थव्यवस्था के रीढ़ बन रही है. गौठान अब सिर्फ गोबर का उपयोग करने या वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने तक सीमित नहीं है. मुख्यमंत्री की योजना में कई गतिविधियों में शामिल कर संचालित किया जा रहा है. जिससे ग्रामीणों को सीधा लाभ मिल सके.

मनवा ढाबा से दीदी अर्जित कर रही है इनकम:मनवा ढाबा 3000 वर्ग फिट में 16 लाख की राशि से डीएमएफ मद से बना हुआ है. जिसे बॉस बोडी स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा है. इस ढाबे का संचालन समूह की दस महिलाएं कर रहीं हैं. ढाबे की देखरेख से लेकर खाना बनाने और साफ-सफाई का जिम्मा भी इन्हीं महिला दीदियों का है. जिसे वो बखूबी निभा रही है. ढाबे में एक दिन की कमाई लगभग बीस से चौबीस हजार रुपए है.

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ऐसे में महिलाएं प्रति महीना 7 से 8 हजार रुपए आय अर्जित कर रही है. स्व सहायता समूह की सदस्य अर्चना कुर्राम बताती है कि इससे पहले वो सिर्फ खेती करती थी. लेकिन जब से वह इस स्व सहायता समूह में जुड़कर काम कर रही है, उसमें पहले से ज्यादा आत्मविश्वास बढ़ गया है.

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