दंतेवाड़ा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार को दंतेवाड़ा के फाल्गुन मड़ई में देवी देवताओं के विदाई समारोह में शामिल हुए. इस दौरान सीएम ने जहां गीदम का नए राजस्व अनुभाग का दर्जा दिया, वही यहां बनने वाले मेडिकल काॅलेज का नाम मा दंतेश्वरी के नाम पर रखने की घोषणा की. इसके साथ ही क्षेत्र में पर्यटन बढ़ाने के लिए शंखनी डंखनी नदी तट पर व्यू प्वाइंट बनाने की भी घोषणा की.
देवी देवताओं की विदाई को बताया अद्भुत:फाल्गुन मड़ई में आए देवी-देवताओं के विदाई समारोह में पहली बार शामिल मुख्यमंत्री ने ओडिशा, तेलंगाना सहित बस्तर के 900 देवी देवताओं की विदाई को अदभुत बताया. कहा "बस्तर की संस्कृति के कई रंग हैं. जगदलपुर दशहरा की तरह ही फागुन मड़ई भी दुनियाभर में मशहूर है." सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि "आदिवासी परंपराओं को लेकर जो भाव और दर्शन हैं, उसे जाने समझे बिना छत्तीसगढ़ की संस्कृति के नहीं पहचाना जा सकता. सरकार ने ऐसी परंपराओं और तीज त्यौहारों को सहेजने का काम किया है."
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मेडिकल काॅलेज से दूर होगी डाॅक्टरों की कमी:सीएम ने कहा कि "इस बार के बजट में चार नए मेडिकल काॅलेज खोलने की घोषणा की गई है. इनमें से एक गीदम में खुलेगा. मेडिकल काॅलेज खुल जाने से अंचल में जहां इलाज की सुविधा बढ़ेगी, वहीं डाॅक्टरों की कमी भी दूर होगी." इस दौरान प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, विधायक देवती कर्मा ने भी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं.
देवगुड़ियों को दिया गया वनाधिकार पत्र:सीएम भूपेश बघेल ने कटेकल्याण के पुजारी अनतराम, कटेकल्याण जिहाकोड़ता के दशरू कवासी, गीदम तुमनार के बुधराम डेगल, दंतेवाड़ा के रामलाला गायता, जगदलपुर महुपाल के आशाराम पुजारी से भेंट की. इस दौरान कुआकोंडा के रेंगानार, दंतेवाड़ा के मेटापाल, भोगाम, केशापुर और गीदम के कारली के मातागुड़ी को सामुदायिक वन अधिकार पत्र भी बांटा. जिले में अब तक 122 देवगुड़ियों को वनाधिकार पत्र जारी किया जा चुका है.