दंतेवाड़ा: शिक्षा की न तो कोई उम्र होती है और न ही कोई समय सीमा. देश में कई ऐसे लोग हैं जो पारिवारिक परिस्थियों के कारण साक्षर (Sakshar) नहीं हो पाये. ऐसे लोगों के लिए शुरू से ही साक्षरता अभियान (Saksharta abhiyan) चलाया जा रहा है. जिसमें ज्यादातर लोग हिस्सा लेते हैं और साक्षर (Sakshar) बन आत्मनिर्भर (Self dependent) बनते हैं. ऐसे में दंतेवाड़ा प्रौढ शिक्षार्थी आंकलन महापरीक्षा अभियान (Dantevada Adult Learner Assessment Major Examination Campaign) के तहत जिले के अंदरूनी क्षेत्र (Interior area)में रहने वाले 9950 आसाक्षर ग्रामीण (9950 Literate rural) इस अभियान में शामिल हुए और अलग-अलग माध्यमिक शालाओं (Secondary schools)में बैठकर परीक्षा दी.
अंदरूनी क्षेत्रों से हैं सभी विद्यार्थी
इस बारे में मीडिया से बातचीत के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कर्मा ने बताया कि जिले के अंदरूनी क्षेत्रों के आसाक्षार ग्रामीणों को साक्षर बनाने के लिए महापरीक्षा आयोजन किया गया है. जिसके तहत जिले के चारों ब्लॉक के लोगों ने परीक्षाएं दी. जिसमें दंतेवाड़ा में 24, गीदम में 57, कुआकोंडा में 60 और कटेकल्याण अंतर्गत 47, कुल 188 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. वहीं, जिले के 50 ग्राम पंचायतों एवं 48 नगरीय निकाय वार्डों में असाक्षरों का सर्वे किया गया, जिसमें 9 हज़ार 950 असाक्षर पाए गए. जिसके बाद जिले में 962 साक्षरता केंद्र संचालित किया गया. जिसमें 962 अनुदेशकों द्वारा असाक्षरों को शिक्षा प्रदान किया जाने लगा.
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