दंतेवाड़ा:भाजपा संगठन ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर शनिवार को सांस्कृतिक भवन गीदम में कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने नेताजी की स्मारक पर माल्यार्पण किया. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष चैतराम अटामी, जिला महामंत्री संतोष गुप्ता समेत बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे.
कार्यक्रम में चेतराम अटामी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा हैं. वे भारत मां के सच्चे सपूत और महान स्वतंत्रता सेनानी है. उन्होंने देश की लिए अपना पूरा जीवन न्यौछावर कर दिया. उन्होंने कहा कि आजाद हिन्द का पहला तिरंगा नेताजी ने अंडमान निकोबार में फहराया था. नेताजी ने लोगों में देश प्रेम कि भावनाओं को जागृत किया. आज भी उनके देश प्रेम को पूरा विश्व याद करता है.
कार्यक्रम के दौरान महिला मोर्चा ओजस्वी मंडावी ने महिला संगठन को मजबूत करने की बात कही. साथ ही महिलाओं पर हो रहे हो अत्याचार को बल देने की बात कही. ताकी बस्तर के आदिवासी क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा हो सके.
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस का परिचय
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा (उड़ीसा) में कटक जिले के एक बंगाली परिवार में हुआ था. बोस के पिता का नाम 'जानकीनाथ बोस' था. वह पेशे से एक वकील थे. उनकी मां का नाम 'प्रभावती' था. सुभाष चंद्र बोस के माता-पिता की 14 संतानें थीं, जिसमें छह बेटियां और आठ बेटे थे. नेताजी ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना के खिलाफ एलायंस सेना बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सेना का नेतृत्व किया.
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नेता जी से जुड़े रोचक तथ्य
- दिसंबर 1921 में प्रिंस ऑफ वेल्स की भारत यात्रा पर आयोजित समारोह का बहिष्कार करने के लिए नेताजी को गिरफ्तार किया गया और जेल में डाल दिया गया.
- 1924 में नेताजी को कलकत्ता नगर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद नेताजी को म्यांमार (पहले बर्मा नाम था) भेजा गया था, क्योंकि उनपर गुप्त क्रांतिकारी आंदोलनों के साथ संबंध रखने का संदेह था.
- 1927 में नेताजी के बर्मा (अब म्यांमार) से लौटे और उन्हें बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया. जल्द ही नेताजी और जवाहरलाल नेहरू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो महासचिव बन गए.
- 1938 में नेताजी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था.
- 1939 में महात्मा गांधी और कांग्रेस आलाकमान के बीच मतभेदों के कारण नेताजी को कांग्रेस नेतृत्व से हटा दिया गया था.
- 26 जनवरी, 1941 को नेताजी कोलकाता निवास से भाग निकले और काबुल और मॉस्को से होते हुए अप्रैल में जर्मनी पहुंचे.
- 1937 में नेताजी ने एमिली शेंकल से शादी कर ली.
- 1943 में नेताजी टोक्यो पहुंचे और आजाद हिंद फौज का नेतृत्व किया.
- 18 अगस्त 1945 को टोक्यो (जापान) जाते समय ताइवान के पास नेताजी का एक हवाई दुर्घटना में निधन हो गया.