दंतेवाड़ा:17 नंवबर को गीदम ब्लॉक के कारली के कन्या पोटा केबिन आश्रम में भीषण आग लग गई थी. इस घटना में आवासीय विद्यालय में रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया है. आग लगने की घटना में किसी के जान का नुकसान नहीं हुआ है, क्योंकि कोरोना संकट की वजह से पिछले कई महीनों से आश्रम में रह रही छात्राएं अपने घर चली गई हैं. इसी बीच आग लगने पर अब भाजपा के जिला अध्यक्ष इसकी जांच की मांग की है.
आग लगी नहीं, लगाई गई है!
बीजेपी आग लगने के पीछे बड़ा षड्यंत्र बता रही है. बीजेपी केस में मजिस्ट्रेरियल जांच कराने की मांग कर रही है. जिला बीजेपी ने इसके लेकर सड़क पर उतरने की भी बात कही है. बीजेपी का आरोप है कि आग शॉर्ट सर्किट से नहीं लगी गई है, करोड़ों की खरीदी बिक्री को छिपाने के लिए आग लगाई गई है.
15 साल से सुरक्षित था पोटा केबिन
बीजेपी का कहना है कि घटना के तुरंत बाद ही इस प्रकार का बयान देना कि बांस के बने पोटा केबिन सुरक्षित नहीं है. इसे लेकर अब जिलेभर में पोटा केबिन का पक्का निर्माण कराने की बात कहना निर्माण कार्यों में पैसे बनाने के खेल को जैसे संदेह को जन्म देता है. बीजेपी का कहना है कि जो पोटा केबिन 15 साल से सुरक्षित था, वो अचानक असुरक्षित कैसे हो गया.
फर्नीचर और सरकारी रिकॉर्ड जलकर खाक
बीजेपी ने आग लगने से नुकसान हुए सामग्रियों की खरीदी बिल, स्टॉक, ऑडिट रिपोर्ट का जिला स्तरीय प्रपत्रों से मिलान कराने की बात कही है. साथ ही बच्चों के स्कूल खुलने से पहले पोटा केबिन की मरम्मत कराने की भी मांग की है. 17 नंवबर को कारली स्थित कन्या पोटा केबिन में देर रात करीब 2 से 3 बजे के बीच अचानक आग की लपटें उठने लगी और देखते ही देखते पूरा आवासीय विद्यालय को आग ने अपनी चपेट में ले लिया. भीषण आग के चलते पोटा केबिन आश्रम का ज्यादातर सामान, फर्नीचर और सरकारी रिकॉर्ड जलकर खाक हो गये हैं.
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सरकारी रिकॉर्ड भी जलकर खाक
घटना की जानकारी मिलते ही विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और फायर ब्रिगेड को बुलाया गया. दमकल की टीम ने काफी देर की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. आग बुझाने से पहले ही पोटा केबिन का बड़ा हिस्सा आग की चपेट में आ चुका था. जिससे आश्रम में काफी नुकसान हुआ है. जानकारी देते हुए श्यामलाल शोरी ने बताया कि इस आगजनी से आवासीय विद्यालय के सारे दस्तावेज, 400 से ज्यादा बिस्तर, 30 कम्प्यूटर और लाइब्रेरी का सारा सामान जलकर राख हो गया.