छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

दंतेवाड़ा: प्रशासनिक अधिकारियों पर FIR दर्ज कराएगा सर्व आदिवासी समाज - bastar

डिपॉजिट नंबर 13 को अडानी कंपनी को दिए जाने को लेकर हुई ग्राम सभा की जांच 15 दिन में पूरी नहीं हो पाई है, जिसके चलते सर्व आदिवासी समाज अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाएगा.

प्रशासनिक अधिकारियों पर FIR दर्ज कराएगा सर्वआदिवासी समाज

By

Published : Jun 27, 2019, 10:15 AM IST

Updated : Jun 27, 2019, 10:41 AM IST

दंतेवाड़ा:जिला मुख्‍यालय में संयुक्‍त पंचायत संघर्ष समिति और सर्व आदिवासी समाज की संभागीय बैठक हुई. इसमें विभिन्‍न विषयों पर चर्चा हुई, जिसमें सरकार ने कथित फर्जी ग्रामसभा की जांच के लिए 15 दिन का समय दिया. बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार की जांच की अवधि 28 जून को खत्म होगी.

15 दिन में जांच पूरी नहीं होने से नाराज है सर्व आदिवासी समाज

इस दौरान जांच प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, तो समाजा प्रशासन और अधिकारियों के खिलाफ संभाग के सभी थानों में एफआईआर दर्ज करवाएगा. इतना ही नहीं आगे की लड़ाई भी सर्वआदिवासी समाज के बैनर तले लड़ा जाएगा. बता दें कि अब तक संयुक्‍त पंचायत संषर्घ समिति के बैनर तले आंदोलन हुआ है.

पढ़ें- जूनियर जोगी ने भूपेश सरकार की गतिविधियों पर उठाए सवाल

15 दिन का दिया था आश्वासन
आदिवासियों के आंदोलन को शांत करने सरकार ने 15 दिन में जांच का आश्‍वासन दिया था. प्रशासन ने एसडीएम की जांच टीम बनाई थी. एसडीएम ने इसमें सहयोग के लिए संघर्ष समिति के सदस्‍यों को भी शामिल करने की बात कही थी, लेकिन प्रशासन की ओर से की जा रही जांच की कोई जानकारी अब तक किसी भी सदस्‍य को नहीं दी गई है.
वहीं बयान के दौरान पंचायत सचिव को ग्रामीणों के सामने नहीं लाया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि फर्जी दस्‍तावेज तैयार करने में सचिव की भूमिका महत्‍वपूर्ण रही है. इसी वजह से 24 जून को बयान देने ग्रामीण सामने नहीं आए.

बयान देंगे पर सचिव को सामने लाओ
समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि, प्रशासन के सामने बयान दर्ज कराएगें, लेकिन इससे पहले सचिव की मौजूदगी और बयान जरूरी है. बुधवार की बैठक में मुख्‍य रूप से जगदलपुर से आए आदिवासी नेता राकेश ठाकुर, सर्वआदिवासी समाज के अध्‍यक्ष सुरेश कर्मा, बल्‍लू भोगामी, सोनी सोरी, जय कश्‍यप, विमला सोरी, मंगल कुंजाम, राजकुमार ओयामी सहित बीजापुर, सुकमा से आए आदिवासी नेता मौजूद रहे.

पढ़ें- जगदलपुर : निगम की खुली पोल, पहली ही बारिश में बहा करोड़ों की लागत से बना नाला

इन बातों पर अड़े हैं पदाधिकारी और सदस्य -

  • वर्ष 2014 की कथित ग्रामसभा को फर्जी बता रहे हैं आदिवासी
  • प्रशासन ने कथित ग्रामसभा में यह उल्‍लेख किया कि ग्राम पंचायत हिरोली पांचवीं अनुसूची के दायरे में नहीं आती है.
  • डिपोजिट 13 में से स्‍थानीय या पारंपरिक देवी-देवताओं की पूजा नहीं होती है. समाज का कहना है हिरोली पंचायत ही नहीं पूरा बस्‍तर पांचवीं अनुसूची के अधीन है.
  • हिरोली पहाड़ आदिवासियों का देव पूजा स्‍थल है. यहां हर साल मेला लगता है.
Last Updated : Jun 27, 2019, 10:41 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details