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दंतेवाड़ा के 11 बच्चों का नेशनल रेसलिंग प्रतियोगिता में चयन, गोआ में दिखाएंगे जौहर

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा से गोआ में आयोजित नेशनल ट्रेडिशनल रेसलिंग एंड पंकेशन टूर्नामें के लिए 11 बच्चों का चयन किया गया है. ये बच्चे अब गोआ में अपना हुनर दिखाएंगे. इसको लेकर बच्चों में खासा उत्साह दिख रहा है.

Children selected for national wrestling competition
नेशनल रेसलिंग प्रतियोगिता के लिए चयनित बच्चे

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Published : Oct 25, 2021, 10:54 PM IST

दंतेवाड़ा :नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा (Naxal Affected Area Dantewada) के बच्चे अब रेसलिंग में भी अपना जौहर दिखाएंगे. बच्चे गोआ में आयोजित नेशनल ट्रेडिशनल रेसलिंग एंड पंकेशन टूर्नामेंट (National Traditional Wrestling and Puncture Tournament) में भाग लेंगे. इसके लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्र के कुल 11 बच्चों का इसके लिए चयन किया गया है. यह दंतेवाड़ा जिले के लिए गौरव की बात है.

नेशनल रेसलिंग प्रतियोगिता के लिए चयनित बच्चे

29 से 31 अक्टूबर तक गोआ में होगी प्रतियोगिता

इसको लेकर छत्तीसगढ़ के ज्वाइंट सेक्रेटरी सेक वसीम (Chhattisgarh Joint Secretary Sec Wasim) ने बताया कि 29 अक्टूबर, 30 अक्टूबर और 31 अक्टूबर कुल तीन दिनों की इस खेल प्रतियोगिता में दंतेवाड़ा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र से कुल 11 प्रतिभागियों का चयन किया गया है. इनमें 7 लड़कियां हैं और चार लड़के हैं. ये सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र से हैं.

बच्चे बोले-शासन-प्रशासन का नहीं मिला सहयोग

नेशनल रेसलिंग प्रतियोगिता (National Wrestling Competition) में चयनित इन बच्चों ने बताया कि हमें यहां तक पहुंचने में शासन-प्रशासन (Government Administration) का कोई सहयोग नहीं मिला. बिना किसा सहयोग के हम इस मुकाम तक पहुंचे हैं. हमारे पास न किट हैं और न ही प्रैक्टिस के लिए कोई मैदान. हमारे सर हमें एक छोटे भवन में प्रैक्टिस कराते हैं. उसी की बदौलत आज हम इस मुकाम पर पहुंचकर दंतेवाड़ा जिले की ओर से नेशनल स्तर पर खेलने जा रहे हैं. इसमें हमारे सर और हमारे माता-पिता का ही योगदान है.

कोच बोले-दंतेवाड़ा में छिपी हैं प्रतिभाएं, निखारने की जरूरत

बच्चों के कोच संदीप कुमार ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले जैसे क्षेत्र में कई प्रतिभाएं छुपी हुई हैं. जिन्हें निखारने की जरूरत है. इसके लिए शासन-प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है. इन बच्चों ने अपना हुनर दिखाया है. इसी की बदौलत आज ये बच्चे नेशनल स्तर पर खेलने जा रहे हैं. किट के अभाव में कई बार हमें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता था, लेकिन हमने हार न मानी और अपना प्रयास जारी रखा.

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