बिलासपुर: तखतपुर की जीवनदायिनी मनियारी नदी का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है. अवैध रेत खनन के चलते नदी सूख रही है, जिससे पानी की किल्लत बढ़ गई है. प्रशासन का रवैया भी इस मामले में उदासीन नजर आ रहा है.
खनन माफिया और अधिकारियों की साठगांठ से प्रतिदिन रेत खनन का काम जोरों पर चल रहा है. ग्रामीण द्वारा अवैध खनन की जानकारी देने के बावजूद अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. जाहिर सी बात है इस अवैध खनन में प्रशासन की मिलीभगत को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.अवैध खनन और अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से नदी के किनारे की मिट्टी धंसकर गिर गई है.
जल संरक्षण योजनाओं का लाभ नहीं
मनियारी नदी खुडिया बांध के किनारे दर्जनों गांव बसे हैं. इस क्षेत्र के ग्रामीण गहरे जलसंकट से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों के साथ पशु पक्षियों को भी पानी संरक्षण योजनाओं के अंतर्गत बने एनिकट से लाभ नहीं मिल रहा है. मनियारी नदी फल, बगीचा, सब्जी उत्पादन क्षेत्र के नाम से मशहूर है. यहां नदी किनारे फल, बगीचे होते थे, सब्जियां लगाई जाती थी, लेकिन आज यह सब समाप्ति के कगार पर है.
अवैध खनन का विडियो आया सामने
क्षेत्र के मनियारी नदी में जेसीबी से खनन करते एक वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में मनियारी नदी के सूरीघाट क्षेत्र में धड़ल्ले से नियम कानून को ताक पर रखकर रेत खनन कार्य किया जा रहा है. वीडियो बनाने वाले ने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी, बावजूद इसके मौके पर कोई भी नहीं पहुंचा.
इस विषय में जब तखतपुर तहसीलदार बीएस जोशी से बात की गई, तो उन्होंने साफ कह दिया कि 'वो वीडियो को नहीं मानते, लिखित में शिकायत दो तभी कार्रवाई करेंगे'. वहीं लिखित शिकायत देने के बावजूद संबंधित अधिकारी मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं. यह साफ दर्शाता है कि किस तरह अधिकारियों की लापरवाही से मनियारी नदी का अस्तित्व खत्म हो रहा है. अब देखना होगा की प्रशासन जल संकट की समस्या को ठीक करने के लिए कब तक ठोस कदम उठाएगा.