छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Water level dropped in Bilaspur: बिलासपुर में भूजल स्तर गिरा, भूजल वैज्ञानिकों ने दी ये चेतावनी

बिलासपुर का ग्राउंड लेवल वाटर 150 फीट नीचे गिर गया है. इसको लेकर भूजल वैज्ञानिकों ने चिंता जाहिर करते हुए चेतावनी भी दी है. आने वाले दिनों में बिलासपुर में पेयजल संकट गहरा सकता है.

water level dropped in bilaspur
बिलासपुर में भूजल स्तर गिरा

By

Published : May 8, 2022, 8:48 PM IST

बिलासपुर:बिलासपुर जिले के लिए इस साल की गर्मी पानी संकट लेकर आ रही है. जिस तरह नदियों, तालाबों का दोहन किया जाता रहा है उससे आने वाले समय में पानी संकट सबसे बड़ी समस्या बन कर उभरेगी. बिलासपुर जिले के कुछ ब्लॉक और बिलासपुर शहर में भूजल स्रोत 150 फीट नीचे चला गया है जो मई और जून के महीने में और भी नीचे जा सकता है. ग्राउंड लेवल पानी के तेजी से नीचे जाने को लेकर भूजल वैज्ञानिकों ने मई-जून के महीने में पीने के पानी को लेकर हाहाकार मचने की बात कही है. अभी से चेतावनी देना शुरू भी कर दिया है.

बिलासपुर में भूजल स्तर गिरा

यह भी पढ़ें:बॉलीवुड को भाया छत्तीसगढ़: रायगढ़ में होगी अक्षय कुमार और परिणीति चोपड़ा स्टारर फिल्म की शूटिंग

तखतपुर ब्लॉक में जलस्तर 150 फीट नीचे पहुंचा: भूजल वैज्ञानिकों की माने तो जिले के ब्लॉकों में सभी जगह भूजल तेजी से नीचे जा रहा है. मस्तूरी ब्लॉक, कोटा ब्लॉक में 40 से 50 फीट जल स्तर नीचे गिर गया है तो बिल्हा और तखतपुर ब्लॉक में जल स्तर 150 फीट नीचे चला गया है. जो चिंता का विषय है. तखतपुर शहर और काठाकोनी और बिल्हा ब्लॉक में अप्रैल माह में भूजल वैज्ञानिकों ने सर्वे किया था. सर्वे में 150 फीट नीचे जल स्तर चला गया है. जल स्तर के तेजी से नीचे जाने पर भूजल वैज्ञानिकों को अब चिंता होने लगी है.

भूजल स्तर नीचे जाने पर वैज्ञानिक चिंतित:जिला भूजल अनुसंधान के भूजल वैज्ञानिक डॉ. सचिन परते ने भूजल स्तर के नीचे जाने की स्थिति की चिंता जाहिर की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि "आगामी मई और जून का, काफी खराब समय होगा. जल स्तर और भी ज्यादा नीचे जाने की बात कहते हुए कहा कि पेयजल संकट काफी गहराएगा और पीने के पानी के लिए हाहाकार मच सकता है. वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा को जिला प्रशासन और नगर निगम बेहतर ढंग से मॉनिटरि करती तो शायद आज जो स्थिति उत्पन्न हो रही है वह स्थिति उत्पन्न नहीं होती. मस्तूरी और कोटा ब्लॉक में ग्राउंड वाटर लेवल का उपयोग 40 से 45 फीसद किया जा रहा है".

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम:बिल्हा ब्लॉक और तखतपुर ब्लॉक में 80 से 85 फीसद भूजल का उपयोग किया जा रहा है. इतने बड़े पैमाने पर भू जल का उपयोग चिंतनीय है. आने वाले भविष्य के लिए यह एक खतरा भी है, जिससे भविष्य में इन क्षेत्रों में पानी की बड़ी समस्या रहेगी और पीने के पानी के लिए लोगों को तरसना भी पड़ सकता है. वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ग्राउंड लेवल वाटर सोर्स को रिचार्ज करता है, लेकिन आधुनिक युग और बेहतर शहरीकरण की वजह से आज के समय में गली मोहल्लों के साथ ही सड़कों पर ड्रेन टू ड्रेन सड़क तैयार करने से बारिश का पानी जमीन के नीचे नहीं जा पा रहा है, जिससे वाटर लेवल रिचार्ज नहीं हो रहा है और पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है.

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर काम शुरू: नगर निगम कमिश्नर अजय त्रिपाठी ने बताया कि "इस समय निगम की टीम को वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर काम शुरू करने का आदेश दिए हैं. निजी भवनों के साथ ही शासकीय और निगम के भवनों में लगे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को ठीक करने के निर्देश दिए हैं. जिन भवनों और मकानों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगे हैं उन्हें लगवाने की नसीहत दे रहे हैं, ताकि आने वाले समय में बारिश का पानी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से भूजल स्रोत को दोबारा रिचार्ज कर सके. वह लगातार प्रयास कर रहे हैं कि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को आम जनता भी गंभीरता से लेकर इस ओर ध्यान दें. अपने मकानों में यह सिस्टम लगाए ताकि आने वाले भविष्य में पानी की समस्या उत्पन्न ना हो".

ABOUT THE AUTHOR

...view details