बिलासपुर: नगर निगम के विस्तार के बाद जिले में दो नगर पालिका अस्तित्व में आई. रतनपुर और तखतपुर, मां महामाया की धार्मिक नगरी के नाम से मशहूर रतनपुर नगर पालिका बिलासपुर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर बिलासपुर-कोरबा मुख्यमार्ग पर स्थित है. रतनपुर में मां महामाया का मंदिर है, जो शक्तिपीठों में से एक है.
रतनपुर नगर पालिका में कुल 15 वार्ड है, इसके तहत 29 बूथ आते हैं. बीते चुनाव के मुताबिक रतनपुर नगर पालिका में कुल 17959 मतदाता हैं. इस बार रतनपुर नगर पालिका में अध्यक्ष पद एससी के लिए आरक्षित हुआ है. पिछले कार्यकाल में महिला एससी के लिए सीट आरक्षित था.
रतनपुर धार्मिक नगरी के साथ पर्यटन स्थल और तालाबों की नगरी के रूप में भी प्रदेश में मशहूर है. रतनपुर में दो दर्जन से अधिक तालाब अभी भी अस्तित्व में है. रतनपुर शहर अपने इर्द-गिर्द हरियाली और पठारी क्षेत्र को समेटे हुए है, जो रतनपुर की खूबसूरती में चार चांद लगाता है. क्षेत्र के आस-पास ग्रामीण इलाकों में बसनेवाले लोग मुख्य रूप से खेती पर ही निर्भर हैं. नगरीय क्षेत्र में स्थानीय व्यापारियों का ही दबदबा है.
रतनपुर नगर पालिका जितनी ऐतिहासिक और धार्मिक है यहां की समस्याएं भी उतनी ही गहरी है. तालाबों की नगरी से प्रसिद्ध शहर के लोगों को आज भी शुद्ध पेजयल नहीं मिल रहा है. कई वार्डों में पानी की सप्लाई सही से नहीं हो रही है. लोगों का कहना है कि पालिका प्रशासन महज कुछ घंटे ही पानी की सप्लाई करती है उसी से उन्हें दिनभर काम चलाना पड़ता है. गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या और ज्यादा गहरा जाती है. रतनपुर में भूमाफिया का दबदबा होने के कारण नगर और तालाबों पर अंधाधुन अतिक्रमण जारी है. नगर में साफ सफाई, ट्रैफिक और मूलभूत सुविधाओं की मांग बहुत पुरानी है, जिसपर आज तक अमल नहीं किया गया है. जिसके कारण यहां के लोग अपने स्थानीय प्रतिनिधियों से काफी नाराज हैं.