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बोदरी नगर पंचायत में जल संकट को लेकर सियासत गरमाई - पानी की समस्या बोदरी

जिले के कई निकायों में गर्मी के शुरू होते ही पानी की समस्या (water crisis) गहराने लगी है. बोदरी नगर पंचायत (nagar panchayat Bodri) में जलसंकट के चलते लोग परेशान हैं.

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बोदरी नगर पंचायत में जल संकट को लेकर सियासत गरमाई

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Published : Apr 7, 2021, 7:46 PM IST

बिलासपुर: जिले के कई निकायों में गर्मी के शुरू होते ही पानी की समस्या (water crisis) गहराने लगी है. बोदरी नगर पंचायत (nagar panchayat Bodri) में जलसंकट के चलते लोग परेशान हैं. निकाय के पदाधिकारी बताते हैं कि भूजल स्तर गिरने से समस्या विकट हो गई है, जिससे निपटने के लिए नए बोर भी करवाए जा रहे हैं. पानी की समस्या को लेकर सियासत भी गरमा गई है.

बोदरी नगर पंचायत में जल संकट को लेकर सियासत गरमाई

नगर पंचायत कार्यालय का महिलाओं ने किया घेराव

एक बार फिर जब महिलाओं ने पानी की समस्या को लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष परदेशी राम धुवंशी का घेराव किया, तो संबंधित वार्ड के पार्षद और अध्यक्ष के बीच महिलाओं के सामने ही कहासुनी हो गई. देखते ही देखते कार्यालय का माहौल गरमा गया. इधर महिलाएं भी चुप्पी साधे इस विवाद को देखती रहीं.

पार्षद ने अध्यक्ष पर लगाए आरोप

पार्षद विजय वर्मा का कहना है कि अध्यक्ष ने वार्ड में बिछी पाइप लाइन को जानबूझकर डायवर्ट करवाया है, जिससे वार्डों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है. इधर जलसंकट को लेकर लोग परेशान हैं. रोजाना वार्डों में विवाद की स्थिति बन रही है. पानी की मारामारी के चलते नगर में चारों तरफ झगड़े जैसा माहौल है.

धमतरी में गहराने लगा जल संकट

अध्यक्ष ने आरोपों को बताया निराधार

नगर पंचायत अध्यक्ष परदेसी राम ने पार्षद विजय वर्मा के आरोपों को निराधार बताया है. उनका कहना है जल संकट को देखते हुए वार्डों में बोर कराने की कवायद की जा रही है. वहीं पाइप लाइन का विस्तार कर पानी टंकी भरने के बाद जल आपूर्ति का प्रयास तेज किया गया है. उन्होंने तकनीकी खराबी और मजदूरों की कमी को भी समस्या का एक कारण बताया है.

टैंकर से पानी भरने को राजी नहीं महिलाएं

नगर पंचायत पहुंची महिलाओं को जब अध्यक्ष ने टैंकर से पानी भरने कहा तो महिलाओं ने कोविड-19 का टीका लगवाने का तर्क देते हुए हाथों में दर्द होना बता दिया, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई. परेशान वार्डवासी चलित टैंकर से पानी भरने राजी नहीं है. वहीं निकाय के पास वैकल्पिक व्यवस्था का दूसरा कोई साधन नहीं है, जिसके चलते समस्या रोजाना बढ़ रही है. अब देखना यह होगा कि विवाद, घेराव, और मांग इन सारी बातों के बाद आखिरकार पेयजल के लिए स्थाई हल कब तक निकल पाता है या फिर समस्या का यह दौर चलता ही रहेगा.

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