बिलासपुर: जिले के रतनपुर वन विभाग के रेंजर को बंधक बनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पारिश्रमिक नहीं मिलने से नाराज मजदूरों ने रेंजर को गांव आने के बाद वापस जाने नहीं दिया. लगभग 5 घंटे बाद मजदूर और ग्रामीणों ने रेंजर को मजदूरी मिलने के लिखित आश्वासन के बाद छोड़ा. मामले में वन विभाग के अधिकारी ने प्रक्रिया के तहत मजदूरों का लंबित भुगतान जल्द क्लियर करने की बात कही.
पानी जमा करने बनवाए थे गड्ढे: पूरा मामला रतनपुर थाना क्षेत्र के छतौना का है. वन विभाग ने 2021 में जंगल में वाटर आब्र्वेशन प्लान के तहत बारिश का पानी रोकने के लिए जंगल और आसपास गड्ढे कराए थे. विभाग ने जंगली जानवरों के लिए पानी का इंतजाम करने काम कराया था ताकि जानवर भटक कर गांव न पहुंचे. जिससे जानवरों और ग्रामीणों को परेशानी ना हो.
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मजदूरों से काम लिया पर भुगतान नहीं किया:ग्रामीणों का कहना है कि "जंगल में गड्ढे करवाने वन विभाग ने छतौना गांव के 8 सौ से ज्यादा मजदूरों से काम लिया. काम कराने के बाद उन्हें मजदूरी का भुगतान नहीं किया. जब भी मजदूरी मांगते. कुछ ना कुछ बोल कर उन्हें वापस भेज दिया जाता. ऐसा लगभग सालभर तक चलता रहा. " इसी दौरान रेंजर जब गांव पहुंचे तो मजदूर भड़क गए और जमकर हंगामा मचाया. रेंजर को बंधक बना लिया.
मजदूर लगा रहे घोटाले का आरोप:मजदूरों का आरोप है कि "पारिश्रमिक भुगतान के लिए लगातार रेंजर और एसडीओ ऑफिस का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है. काम करने के बाद भी उनके खून पसीने की कमाई को विभाग के अफसरों ने रोक दिया है. लगातार शिकायत करने के बाद भी विभाग के अफसर राशि भुगतान करने कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. इसी से नाराज होकर रेंजर सुमित साहू से मजदूरी भुगतान करने की मांग कर रहे हैं. रेंजर ने लिखित में आश्वासन दिया है कि जल्द भुगतान किया जाएगा. " मजदूरों ने पारिश्रमिक भुगतान में घोटाले की आशंका जताई है. "
रूटीन जांच के लिए गए थे रेंजर, मजदूरों का जल्द होगा भुगतान:मजदूरों के लंबित भुगतान के मामले में बिलासपुर के डीएफओ कुमार निशांत ने कहा कि "बंधक बनाने वाली कोई बात नहीं है, वहां रेंजर रूटीन जांच के लिए गए थे. वहा जो कार्य हो रहे थे उसकी जांच के लिए रेंजर सुमित साहू गए थे, तब ग्रामीणों ने उन्हें अपनी लंबित भुगतान के विषय में अवगत कराया. पूर्व में भी लंबित भुगतान को लेकर उन्हें भुगतान किया गया था, और बचे हुए भुगतान के लिए कार्यालय में बात किया गया है, जल्द प्रक्रिया के तहत मजदूरों को भुगतान कर दिया जाएगा."