बिलासपुर:आर्य समाज के वार्षिक उत्सव पर चार दिवसीय वेद महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. ved mahotsav दूसरे दिन आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री (Acharya Harishankar Agnihotri) ने कर्मों के फल व गृहस्थ धर्म के वैदिक स्वरूप पर प्रवचन दिया. household religion कहा कि "परमेश्वर की कृपा तभी मिलेगी, जब वेदों का अनुसरण होगा. जो वेद का अनुसरण कर रहे हैं, उन्हें मुश्किल हालात में भी परमेश्वर की कृपा का पात्र बनने का सौभाग्य मिलेगा. हमें जीवन में क्या करना है और क्या नहीं, इसे समझना होगा."
80 पुरोहितों का किया गया सम्मान:वेद महोत्सव के दूसरे दिन पंडित कंचन प्रसाद मिश्रा के अलावा 30 जोड़े यज्ञ वेदी पर बैठे. विश्व हिंदू परिषद के प्रांत अध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा (VHP state president Chandrashekhar Verma) उप प्रांत अध्यक्ष डॉक्टर ललित मखीजा, प्रांत मंत्री विभूति भूषण पांडे ने बिलासपुर के मंदिरों में सेवा करने वाले 80 पुरोहितों को सम्मानित किया. चंद्रशेखर वर्मा ने कहा कि "शहर में वेद और धर्म के प्रति एकजुटता लोगों को जोड़ने के लिए एक अच्छी पहल है. सबको वेदों की जानकारी होनी."
जांजगीर चांपा के सूर्यांश शिक्षा महा महोत्सव का समापन
दीनदयाल स्कूल के पुरातन छात्रों का किया अभिनंदन: समाज की ओर से संचालित गोडपारा दयानंद विद्यालय (Godpara Dayanand Vidyalaya) के पुरातन छात्र-छात्राओं में शामिल तहसीलदार प्रांजल मिश्रा, डॉ नवनीत कौशिक, डॉ प्राची मिश्रा, डॉक्टर अमित कुमार दुबे, आशीष सोनी, प्रशंसा वर्मा, प्रियंका वर्मा, सपना सोनी, आरती सिंह चंदेल, ज्योति मिश्रा, श्वेता यादव, डॉक्टर सौम्या दुबे, धनंजय वर्मा, हरि साहू, डॉ राजश्री साहू, तनुश्री साहू, निखिल कौशिक, संजय सोनी, स्वाति यादव, अपराजिता तिवारी, अपराजित कौशिक, नंदिनी शर्मा, विशेषता शर्मा, संजय वर्मा, विनय गुप्ता, जागृति अग्रवाल, मयूर शर्मा, नीलम शर्मा, आलोक साहू, रविंद्र जयसवाल, समता गुप्ता, शिवेंद्र प्रताप सिंह, विशाखा बाजपेई, मुस्कान नामदेव, रूपेश साहू मानसी साहू को आर्य समाज की ओर से सम्मानित किया गया. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष प्रमोद नायक और अरपा विकास प्राधिकरण के सदस्य महेश दुबे ने आयोजन को लेकर आर्य समाज के पदाधिकारियों को बधाई दी।
वेद मंत्र कहता है 100 वर्षों तक कर्म करो:आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री ने कहा "बिना कर्म के कोई इच्छा पूरी नहीं होती। वेद मंत्र कहता है 100 वर्ष तक जीवन में कर्म करते रहें, सारी इच्छा पूरी होगी. उन्होंने कहा कि हमें कर्म करना पड़ेगा क्योंकि इस संसार में सारा खेल कर्मों का ही है. शरीर और आत्मा का संयोग ही जीवन है. अधिकांश लोग कर्म का सिद्धांत नहीं जानते. बिना कारण के कोई कर्म नहीं होता."