बिलासपुर:हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना संकट के कारण पूरी दुनिया में टीकाकरण अभियान को कमजोर पड़ते देख चिंता जाहिर की थी. डब्लूएचओ (WHO) ने कहा था कि लगातार कम होते टीकाकरण से सालों की मेहनत पर पानी फिर सकता है. डब्ल्यूएचओ ने चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि यदि टीकाकरण का अभियान कमजोर हुआ, तो दुनिया गंभीर बीमारियों के चपेट में दोबारा आ सकती है. बात अगर छत्तीसगढ़ की करें तो कोरोना काल के बीच टीकाकरण अभियान कुछ हद तक कमजोर हुआ है. लेकिन टीकाकरण के आंकड़े अभी भी संतोषजनक हैं. बिलासपुर जिले में 90 फीसदी से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हो चुका है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल के शुरुआती 4 महीने में वैश्विक स्तर पर डिप्थीरिया, टेटनस और काली खांसी के टीके (डीटीपी-3) का कम्प्लीट डोज पूरा करने वाले बच्चों की संख्या में गिरावट आई है. बीते लगभग 3 दशक में ऐसा नहीं हुआ था. कोरोना संक्रमण के कारण लोग अपने बच्चों को लेकर अस्पताल जाने से बच रहे हैं. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को लगने वाले टीके औसतन कम लगे हैं.
90 प्रतिशत लक्ष्य पूरा
बिलासपुर जिले की बात करें तो यहां अभी भी टीकाकरण के लिए 10 फीसदी लक्ष्य बाकी है. इससे पहले बिलासपुर जिला शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य पूरा कर चुका है. स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि जिले में कोरोना काल के दौरान सामान्य दिनों के मुकाबले लोग टीकाकरण के लिए घर से कम निकले हैं. यही वजह है कि अपेक्षाकृत परिणाम अभी तक नहीं आया है. हालांकि स्वास्थ्य अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि इस विषम परिस्थितियों में भी 90 फीसदी टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करना छोटी उपलब्धि नहीं है. लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वो 100 प्रतिशत लक्ष्य को हासिल कर लेंगे.
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इस साल अप्रैल से जुलाई महीने के बीच बिलासपुर जिले में टीकाकरण का ब्लॉकवाइज डाटा:
बिल्हा ब्लॉक
- 13 हजार 233 टीकाकरण का अनुमान
- आनुपातिक लक्ष्य- 4 हजार 411
- कुल 3 हजार 495 लोगों को लगाया गया टीका