बिलासपुर: प्रशासन की ओर से कराए जा रहे विकास कार्यों से आम जनता परेशान हो रही है. निगम की लेटलतीफी की वजह से जनता को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जहां एक ओर तिफरा और ब्रिज के निर्माण को शुरू हुए 4 साल बीच चुके हैं तो वहीं अंडरग्राउंड सीवरेज परियोजना (underground sewerage project) को 13 साल हो चुके हैं. लेकिन दोनों ही काम अधर में अटकें हुए हैं.
अभी स्थिति यह है कि सीवरेज परियोजना (sewerage project) ठंडे बस्ते में है. बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाइवे (Bilaspur-Raipur National Highway) पर तिफरा के पास रेलवे क्रोसिंग पर लगभग 15 साल पहले रेलवे और राज्य सरकार के पीडब्ल्यूडी के ज्वाइंट वेंचर से ओवरब्रिज पुल का कार्य शुरू किया गया था, यह मार्ग नेशनल हाइवे पर है. यहां हजारों वाहन की आवाजाही होती है, इस वजह से घंटों जाम लगा रहता है.
स्थानीय लोगों की मांग और जरूरत को देखते हुए नगरी प्रशासन विभाग ने पहले से मौजूद ओवर ब्रिज के बगल से एक नए और ब्रिज के निर्माण की मंजूरी दी थी. इसमें राज्य सरकार ने ब्रिज की लंबाई को पहले की ओवरब्रिज से बढ़ाकर उसे बनाने की मंजूरी दी. हालांकि ब्रिज की लंबाई बढ़ने से, आम जनता को इससे काफी हद तक लाभ मिलेगा.
तिफरा रेलवे फाटक में पहले से ही एक ब्रिज है. जिसमें रोजाना सुबह से लेकर देर शाम तक जाम लगता है. शहर से रायपुर जाने वाली वाहनों की लंबी कतारें रहती है. इसके अलावा हाई कोर्ट के जज भी इसी मार्ग से आना-जाना करते हैं और संभाग का सबसे बड़ा ठोक बाजार भी है जहां पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों से माल लेकर भारी वाहन आते जाते हैं.