बिलासपुर: उज्ज्वला शेल्टर होम के संचालक पर दुष्कर्म जैसे संगीन आरोप लगने के बाद, अब जाकर पुनर्वास केंद्र को बंद करने की सिफारिश केंद्र शासन से की गई है. महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस संबंध में केंद्र शासन से पत्राचार किया है.
दरअसल, महिलाओं और युवतियों के कल्याण के लिए संचालित उज्ज्वला गृह में हाल ही में सामने आई एक घटना ने संस्था की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है. उज्ज्वला गृह में रहने वाली महिलाओं और युवतियों ने संस्था संचालक पर दैहिक शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं. इस घटना ने महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
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विभाग के अफसर और उनकी टीम हर साल यहां निरीक्षण की बात करती हैं, लेकिन हैरत की बात है कि यहां चलने वाले अनैतिक गतिविधियों की इन्हें अब तक भनक तक नहीं लगी. विभाग के मुताबिक 2018,19 और 2020 में उनकी टीम ने उज्जवला गृह का निरीक्षण किया था. बीते 17 जनवरी की रात भी टीम निरीक्षण के लिए पहुंची थी, लेकिन अफसर यहां मामला पकड़ नहीं पाए. हालांकि, कोर्ट में पीड़ितों के बयान के बाद मामले का पर्दाफाश जरूर हो गया है. दुष्कर्म, छेड़खानी और प्रताड़ना जैसे गंभीर अपराध के आरोप संचालक सहित अन्य कर्मचारियों पर लगे हैं.