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SPECIAL: कल-कल बहेगी जीवनदायिनी अरपा, जल संसाधन विभाग का प्रोजेक्ट तैयार

अरपा नदी में दो बैराज बनाने के लिए राज्य सरकार ने 99 करोड़ का फंड जारी किया है. वित्त विभाग ने इसकी प्रशासकीय स्वीकृति भी दे दी है. अब जल्द ही अरपा अपने मूल स्वरुप में आएगी.

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Published : Aug 16, 2020, 8:16 PM IST

Updated : Aug 16, 2020, 8:28 PM IST

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फिर जीवित होगी अरपा

बिलासपुर: शहर की जीवनदायिनी अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन की बातें दशकों से की जाती रही है. लेकिन अभी तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया गया. एक अरसे से शहरवासी अरपा नदी की साफ सफाई की मांग कर रहे हैं. सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट के जरिए दो बैराज की स्वीकृति के बाद अब लोगों की उम्मीदें भी जाग गई है.

फिर जीवित होगी अरपा

अरपा नदी में दो बैराज बनाने के लिए राज्य सरकार ने 99 करोड़ का फंड जारी किया है. वित्त विभाग ने इसकी प्रशासकीय स्वीकृति भी दे दी है. शहर विधायक शैलेष पांडेय ने इस मुद्दे को प्रमुखता से विधानसभा सत्र में रखा था. जिसे अब अमल में लाने की तैयारी की जा रही है. अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने इसे पहले ही अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में घोषणा कर दी थी. इस पर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दे दिए गए थे.

अरपा नदी पर बनेगा बैराज

दो बैराज का निर्माण

नई योजना के तहत शिव घाट और पचरीघाट में दो बैराज बनाने की स्वीकृति दे दी गई है. बैराज बनने के बाद शहरी क्षेत्र में पानी की भरपूर उपलब्धता होने की संभावना है. शहरी क्षेत्र में नदी में पूरे 12 महीने पानी रहने की संभावना प्रबल हो जाएगी. योजना से अरपा का संवर्धन तो होगा ही साथ ही शहर का जलस्तर भी बढ़ेगा. अरपा में बैराज के साथ-साथ अरपा के दोनों किनारों में फोरलेन सड़क और रिवरव्यू निर्माण की प्रक्रिया भी तेज हो जाएगी.

बिलासपुर: अरपा नदी पर बनने वाले बैराज का MLA शैलेष पांडेय ने किया निरीक्षण

जल्द होगा प्राधिकरण का गठन: रविंद्र चौबे

जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने बहुत जल्द अरपा विकास प्राधिकरण के अस्तित्व में आने के संकेत भी दिए हैं. मंत्री का कहना है कि परियोजना से अरपा के जल का सदुपयोग ज्यादा से ज्यादा हो सकेगा और सिंचाई जैसी सुविधाओं का विस्तार भी होगा.

प्राधिकरण की नीयत ज्यादा महत्वपूर्ण: सामाजिक कार्यकर्ता

सामाजिक कार्यकर्ता नंद कश्यप का मानना है कि प्राधिकरण के बनने से ज्यादा इसकी नीयत महत्वपूर्ण है. विकास और सौंदर्यीकरण के नाम पर अरपा का विनाश न हो और अरपा एक नदी के रूप में सतत बहती हुई नजर आए. यह ज्यादा महत्वपूर्ण है. बहरहाल बिलासपुर की जीवनदायिनी नदी के संवर्द्धन की कल्पना एक-एक शहरवासियों की है. सब यही चाहते हैं कि अन्तःसलिला अरपा एक बार फिर से अपने मूल स्वरूप में आकर बिलासपुर की खोई हुई पहचान बने.

Last Updated : Aug 16, 2020, 8:28 PM IST

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