बिलासपुर: तखतपुर में सरकार की कथनी और करनी का एक नमूना सामने आया है. छत्तीसगढ़ सरकार आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए मुख्यमंत्री ज्ञान प्रोत्साहन योजना चलाने की बात कहती है, लेकिन इसका लाभ शायद ही किसी को मिल रहा है.
जिस किताब को पढ़कर पाया 71 फीसदी अंक, उसी किबात के पन्नों पर भजिया बेचने को मजबूर है विनोद
विनोद यादव 10वीं में 71 फीसदी अंक के साथ उतीर्ण हुआ है और आगे पढ़ना चाहता है, लेकिन आर्थिक तंगी और सरकार की अनदेखी के कारण आज विनोद को मेले में भजिया बेचनी पड़ रही है. हालात ये हो गए हैं कि जिस किताब को पढ़कर उसने 10वीं में 71 फीसदी अंक हासिल किए थे, उसी किताब के पन्नों में आज वह भजिया बेच रहा है.
मामला तखतपुर का है, जहां एक होनहार छात्र विनोद यादव अपने ही किताब के पन्नों पर भजिया बेचने को मजबूर है, जिसे पढ़कर वो 10वीं में 71 फीसदी अंक हासिल किया था. विनोद यादव दशहरा मेला में भजिया बेच रहा था. विनोद ने बताया कि वो उसी भौतिकी की पुरानी किताब के पन्नों पर भजिया बेच रहा है. जिसे पढ़कर उसने बेहतर रिजल्ट लाया था. उसने बताया कि वो आगे पढ़ना चाहता है, लेकिन उसके पास नई किताब खरीदने के लिए पैसे नहीं है, इसलिए वो मेले में भजिया बेच रहा है. उसने बताया उसकी घर की माली हालत बेहद खराब है.
आखरी छोर तक नहीं मिल रहा लाभ
होनहार बच्चों सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. इसके कारण बच्चे कई होनहार बच्चों को आधे में पढ़ाई छोड़नी पड़ रही है. सरकार ग्रामीण अंचलों में विकास पहली प्राथमिकता तो बताती है, लेकिन शायद ही किसी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है.