बिलासपुर: कानन पेंडारी जू में सोमवार को एक मादा बाघ की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बाघ और बाघिन की आपसी संघर्ष में दम घुटने से बाघिन की मौत हो गई. मृत बाघिन 13 साल 5 माह की थी. बाघ भैरव और बाघिन चेरी की आपसी संघर्ष में जान गई है. जू प्रबंधन ने मृत बाघिन का बिसरा कलेक्ट कर कानन में ही उसका अंतिम संस्कार किया है.
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पेंडारी जू में बाघिन का अंतिम संस्कार: कानन पेंडारी जुलाजिकल पार्क में फिर एक बार बाघिन की मौत का मामला सामने आया है. मागा बाघ चेरी की मौत को लेकर विवाद बन गया है. बाघिन चेरी को उसके केज में ही उसके साथी भैरव से संघर्ष के दौरान मौत हो गई. कानन जू प्रबंधन ने जानकारी दी है कि 4 अप्रैल को नर बाघ भैरव और मादा बाघ चेरी के बीच आपसी संघर्ष हुआ. संघर्ष में बाघिन के दम घुटने से मौत हो गई. मृत्यु के बाद पशु चिकित्सकों की उपस्थिति में मादा बाघ चेरी का पोस्टमार्टम किया गया है. पेंडारी जू में बाघिन का अंतिम संस्कार किया गया
बाघिन की मौत दम घुटने का कारण बताया:कानन पेंडारी जू में 2 महीने के अंदर 6 जानवरों की मौत हो गई, जिसमें दो नर, मादा बाघ, एक हिप्पो और तीन भालू की मौत हुई थी. जू प्रबंधन ने बताया कि पहले बाघ की मौत उम्रदराज होने की वजह से, हिप्पो की मौत हार्ट अटैक से और तीन भालूओं की मौत खतरनाक संक्रमण से हुई थी. अब सोमवार को हुई बाघिन की मौत के पीछे आपसी संघर्ष में दम घुटने का कारण बताया गया है. लगातार हो रही हो मौतों को रोकने में कानन जू प्रबंधन नाकाम साबित हो रहा है.