बिलासपुर : केंद्र सरकार से मिड डे मिल का कुकिंग कास्ट नही मिलने से मध्यान्ह भोजन परोसने पर खतरा मंडराने लगा है. जिले में सैकड़ों स्कूलों में जून माह से शासन की राशि नहीं मिली है. केंद्र सरकार से राशि नही मिलने के कारण अब मध्यान्ह भोजन योजना में दिक्कत आ सकती है. केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि नही मिलने से जिले में लगभग दो लाख प्राथमिक और मिडिल स्कूलों के बच्चों की थाली से भोजन गायब हो सकता है. पिछले ढाई महीने का लगभग 6 करोड़ रुपए की राशि का आवंटन नही हुआ है. विभागीय अधिकारी भी अब इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार करते रहे,वहीं अधिकारियों ने केंद्र सरकार के हिस्से की राशि नही मिलने की बात कह रहे (Threat looms over mid day meal in Chhattisgarh ) है.
कहां आ रही है दिक्कत : राज्य सरकार के द्वारा कुपोषण खत्म करने और बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए मध्यान्ह भोजन की योजना शुरू की गई थी. योजना सुचारू रूप से संचालित भी हो रही थी. लेकिन राज्य सरकार के द्वारा मिड डे मील के लिए जिले में दिए जाने वाले आवंटन राशि का भुगतान नहीं किया गया है. हर महीने लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान किया जाता है. लेकिन जून माह से अब तक भुगतान नहीं किया गया है. जिससे लगभग 6 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान अटका है. भुगतान सही समय पर नहीं होने पर अब मिड डे मील सुचारू रूप से संचालित करने में कठिनाई आ रही है. ये भी मुमकिन है कि आने वाले समय में बच्चों की थाली से भोजन गायब हो (mid day meal scheme in Chhattisgarh) जाए.
जिले में कितने बच्चों को कराया जाता है मील :बिलासपुर जिले में प्राथमिक और मिडिल स्कूल में लगभग 2 लाख बच्चों को मिड डे मील परोसा जाता है. सुबह और दोपहर की पाली में लगने वाले स्कूलो में दोनों समय पर प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में ये व्यवस्था की गई है. मध्यान्ह भोजन का संचालन महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से किया जा रहा है. वहीं कुछ बड़े शहरों में मध्यान्ह भोजन की जिम्मेदारी एनजीओ को सौंपी गई है. मध्यान्ह भोजन के लिए 60 फीसदी राशि केंद्र और 40 फीसदी राशि का भुगतान राज्य सरकार करती है.
केंद्र से नही मिल रही राशि : जानकारी के अनुसार राज्य शासन अपने हिस्से की राशि का भुगतान कर रही है. लेकिन केंद्र सरकार पिछले कुछ माह से राशि नहीं दे रही है. केंद्र का अब तक का लगभग 200 करोड़ रुपए बकाया है. पिछले साल भी लगभग 125 करोड़ रुपए नहीं मिले हैं. साथ ही रसोइयों को कुकिंग कास्ट, समूहों तथा कंप्यूटर ऑपरेटरों का वेतन प्रदान किया जाता है. लगभग ढाई माह से राशि नहीं मिलने के कारण ज्यादातर महिला स्व सहायता समूह उधारी में खाद सामग्री लेकर मध्यान भोजन की व्यवस्था जैसे तैसे संचालित कर रही है. ऐसे में अब इस योजना पर खतरा मंडराने लगा है.
कितनी राशि होती है आवंटित :मध्यान्ह भोजन में प्राथमिक स्कूल के लिए प्रति छात्र 5.19 रुपए और माध्यमिक स्कूल के प्रति छात्र के लिए 7.45 रुपए की राशि आवंटित की जाती है. जिले में लगभग 44 हजार समूहों के खाते में शिक्षा विभाग के द्वारा राशि सीधे पहुंचाई जाती है. मिड डे मील संचालन कर्ता लगभग 44 हजार समूहों के खातों में यह पैसा पहुंचने से मिड डे मील की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती है. लेकिन पिछले जून माह से यह राशि नहीं मिल रही. जिसकी वजह से मध्यान्ह भोजन संचालन करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.