बिलासपुर:SECL कोल इंडिया में नियमितकरण और नियुक्ति की मांग को लेकर हजारों अप्रेंटिस ने सोमवार को SECL मुख्यालय का घेराव कर दिया. इस घेराव में प्रदेशभर के हजारों अप्रेंटिस शामिल हुए. NSUI ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया. इस दौरान मनेंद्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल भी छात्रों के आंदोलन में शामिल होने बिलासपुर पहुंच गए.
नियमितीकरण की मांग को लेकर हजारों अप्रेंटिस ने किया SECL का घेराव रोजगार की मांग को लेकर प्रदर्शन
प्रदर्शन को लेकर प्रशिक्षुओं ने बताया कि SECL के कौशल विकास योजना के तहत सत्र 2018 में उन्हें प्रशिक्षण दिया गया था. इस दौरान प्रदेशभर के 6 सौ ज्यादा ITI अप्रेंटिस ने SECL में अप्रेंटिसशिप ली. साल 2019 में 5 हजार 5 सौ अप्रेंटिस को प्रशिक्षण दिया गया, लेकिन उसके बाद उनका नियमितीकरण नहीं हुआ. जिसके कारण उनके सामने अब रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.
पढ़ें:SPECIAL : IPS की तैयारी के दौरान जो प्रॉब्लम फेस की, वो दूसरों को न हो, इसलिए छात्रों को देती हैं टिप्स
हजारों अप्रेंटिस ने किया बिलासपुर SECL मुख्यालय का घेराव
उन्होंने बताया कि पूरे देश में लाखों SECL अप्रेंटिस की यही स्थिति है. सोमवार को नाराज प्रशिक्षुओं ने बिलासपुर SECL मुख्यालय का घेराव कर दिया और रोजगार देने की मांग करने लगे. मनेंद्रगढ़ विधायक डॉक्टर विनय जायसवाल और NSUI ने छात्रों की बेरोजगारी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर देशभर में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
क्या है अप्रेंटिस और अप्रेंटिसशिप ?
अप्रेंटिस यानि प्रशिक्षु, वह उम्मीदवार जो किसी संस्था में एक छात्र की तरह वहां का कार्य सीखता है. ट्रेनिंग करता है और प्रशिक्षण लेकर अपनी स्किल और योग्यता को बढ़ाता है. कभी-कभी उस प्रशिक्षु को उसी संस्था में नौकरी भी मिल जाती है. अप्रेंटिस करने वालों को ट्रेनिंग के दौरान संस्थान से कुछ रुपये भी मिलते है. जिसको स्टाइपेंड कहा जाता है, और इस पूरी प्रक्रिया को अप्रेंटिसशिप कहा जाता है. अप्रेंटिसशिप 1 से 2 साल का होता है.