बिलासपुर : 'संस्कृत' कई भाषाओं की जननी कही जाती है, संस्कृत से कई भाषाओं का जन्म हुआ है. ये विद्वानों की भाषा कही जाती है. विज्ञान की उत्पत्ति भी संस्कृत से हुई है लेकिन ज्ञान की कमी ने संस्कृत को जटिल और कठिन भाषा का नाम दे दिया है. लेकिन इस भाषा की वास्तविकता संस्कृत की विदुषी पुष्पा दीक्षित ने ETV भारत से साझा की. इस साल महिला दिवस पर हम महिलाओं के सफर और उनकी सफलता को सेलीब्रेट कर रहे हैं, तो आइए इस खास मौके पर हम संस्कृत की महत्ता को समझने और अन्य छात्रों को शिक्षित करने वाली संस्कृत की विदुषी पुष्पा दीक्षित से मिलाते हैं.
ETV भारत महिला दिवस के मौके पर नारी के सशक्तिकरण और उत्थान से जुड़ी कई कहानियां आप तक पहुंचा रहा है. ऐसी ही एक कहानी बिलासपुर की पुष्पा दीक्षित की है, जिन्होंने अपनी 40 साल की मेहनत से संस्कृत के हजार छात्रों को तैयार किया, जो आज देश के साथ विदेशों में भी नि:शुल्क संस्कृत का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं.
संस्कृत सिखाने की नई पद्धति का विस्तार
पुष्पा बताती हैं कि, उन्हें 4 दशक पहले यह एहसास हुआ कि क्यों न वो छात्रों को संस्कृत पढ़ाएं, ताकि अपने जड़ से कट रहे शिक्षा पद्धति को फिर से एक नई ऊर्जा मिले सके. उन्होंने पाणनि सूत्र के आधार पर संस्कृत अध्यापन का काम शुरू किया. धीरे-धीरे उनकी संस्कृत सिखाने की नई पद्धति का विस्तार हुआ और उनकी प्रसिद्धि देश दुनिया में बढ़ गई.