गौरेला पेंड्रा मरवाही: भाइयों के हाथो में सजाने के लिए राखियां अब ग्रामीण स्तर पर तैयार हो रही हैं. पेंड्रा की ग्रामीण महिलाएं रोजमर्रा के उपयोग में आने वाले धान, चावल, राई, मोती, कौड़ी, सीप, रुद्राक्ष जैसी चीजों से रंग-बिरंगी सुंदर राखियां तैयार कर रही हैं. घरेलू काम से समय निकालकर स्वयं सहायता समूह की ग्रामीण महिलाएं सुंदर राखियां तैयार कर रही हैं.
ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए शुरू किया गया स्वयं सहायता समूह अब उपयोगी साबित हो रहा है. महिलाओं के समूह ने जहां होली के त्योहार में हर्बल गुलाल तैयार किया था तो अब वही महिलाएं ने रक्षाबंधन के लिए राखियां तैयार कर रही हैं. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार की गई राखी रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली चीजों से तैयार हो रही है. जिसमें धान, रुद्राक्ष, मोती, सीप, राई आदि शामिल हैं. इन महिलाओं ने राखियां बनाने के लिए कहीं से प्रशिक्षण नहीं लिया है.