छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

'कोयला क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग और लीज ट्रांसफर से सब बर्बाद होगा, इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे' - कोयला क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग

SECL के केंद्रीय महासचिव हरिद्वार सिंह ने केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त के संबंध में क्या कहा जनिए...

SECL General Secretary Haridwar Singh
SECL के केंद्रीय महासचिव हरिद्वार सिंह

By

Published : May 16, 2020, 10:01 PM IST

बिलासपुर:आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कई सेक्टर की मजबूती के लिए नीतिगत बदलाव की जरूरत है. वित्त मंत्री ने 8 सेक्टर के लिए बड़े ऐलान किए. इन क्षेत्रों में माइनिंग, खनिज, विमानन और डिफेंस शामिल है. सरकार के ऐलान से एसईसीएल के केंद्रीय महासचिव हरिद्वार सिंह बेहद नाखुश नजर आए. उन्होंने कहा कि ये फैसला श्रमिकों और छत्तीसगढ़ के हित में नहीं है.

हरिद्वार सिंह से खास बातचीत

छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने कोयला और खनिज दोनों से नवाजा है. सरकार की ओर से पहला बड़ा ऐलान कोयला क्षेत्र और दूसरा खनिज के लिए किया गया है. कोयला क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग होगी. सरकार का एकाधिकार खत्म होगा. वित्त मंत्री ने कोयला क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया. हरिद्वार सिंह ने कहा कि सरकार का ये फैसला पब्लिक सेक्टर के लिए उचित नहीं है.

ये फैसला बर्बाद करने वाला: हरिद्वार सिंह

उन्होंने कहा कि 1991 में नरसिम्हा राव की सरकार ने कहा था कि पब्लिक सेक्टर को बजटीय सपोर्ट नहीं देंगे. कोयला खदान समेत सारे पब्लिक सेक्टर ने अपने पैरों पर खड़े होकर मजदूरों को अच्छी सैलरी, घर और सारी सुविधाएं दी. उन्होंने कहा कि कोल इंडिया करीब 3 लाख लोगों का पेट पाल रहा है, वो भी सही तरीके से, लेकिन ये फैसला बर्बाद करने वाला है.

इस घोषणा को लागू नहीं करने देंगे: हरिद्वार सिंह

उन्होंने कहा कि यूनियन के लोग किसी भी कीमत पर ये लागू नहीं होने देंगे. हरिद्वार सिंह ने कहा कि सरकार जो 50 हजार करोड़ रुपए दे रही है, वो भीख न दे. कोल इंडिया को इस मेहरबानी की जरूरत नहीं, वो सक्षम है. उन्होंने कहा कि 4 यूनियन मिलकर 22 मई को इस घोषणा के खिलाफ सांकेतिक विरोध करेंगे. इसके साथ जरूरत पड़ी तो कोल इंडिया अनिश्चितकालीन हड़ताल करेगा.

सरकार की नजर गेवरा, कुष्मुंडा और दीपका पर

हरिद्वार सिंह ने कहा कि कोयला का सबसे ज्यादा कोल उत्पादन करने वाला क्षेत्र गेवरा है. गेवरा, कुष्मुंडा और दीपका से पूरे हिन्दुस्तान का 20 फीसदी से ज्यादा कोयला उत्पादन होता है. सरकार की नजर इन तीन क्षेत्रों पर है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इन तीन क्षेत्रों को निजी हाथों में देना चाहती है. 4 हजार करोड़ से ज्यादा रॉयल्टी छत्तीसगढ़ को एसईसीएल से मिलती है.

लीज ट्रांसफर करने से सब निजी हाथों में जाएगा

उन्होंने कहा कि सरकार की सारी गंभीरता अरबतियों, पूंजीपतियों और कारोबारियों को मालामाल करने पर है. इससे देश और छत्तीसगढ़ का भला नहीं होगा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कोयला उत्पादन का बहुत बड़ा हब है. इससे लोगों को नौकरी मिलती है, छोटे-छोटे उद्योग धंधे फलते-फूलते हैं, लीज ट्रांसफर करने से सब चौपट हो जाएगा. इससे सोशल सिक्योरिटी खत्म हो जाएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details