बिलासपुर: राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कुल 82 फीसदी आरक्षण को चुनौती देने के मामले में शनिवार को हाईकोर्ट में पहली सुनवाई हुई. नई आरक्षण नीति को बिलासपुर के आदित्य तिवारी ने चुनौती दी थी. शनिवार को चीफ जस्टिस रामचंद्रन मेनन और जस्टिस पी.पी. साहू की युगलपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए शासन से 10 दिनों में जवाब मांगा है.
आरक्षण को लेकर लाया गया अध्यादेश असंतुलित: याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में यह जिक्र किया है कि राज्य सरकार के द्वारा आरक्षण को लेकर लाया गया अध्यादेश असंतुलित है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही एक फैसले में निर्णय सुनाते हुए कहा था कि किसी भी राज्य में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता. याचिकाकर्ता ने बताया कि आरक्षण नीति में सामान्य वर्ग के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी गयी है. इस नीति से मध्यम वर्ग का सबसे ज्यादा नुकसान होगा.